जनपद हापुड़ के पिलखुवा नगर के मोहल्ला धोबी चौक में एक मकान की छत पर खेल रहे बच्चों पर बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया। जिससे सीढ़ियों पर गिरने से तीन बच्चे घायल हो गए। घायल बच्चों का परिजनों ने अस्पताल में उपचार कराया। वहीं बंदरों के आतंक व हमलों से परेशान लोगों ने पालिका की लापरवाही पर रोष जताते हुए बंदरों को जल्द से जल्द पकड़वाने की मांग की है।
बंदरों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। बंदरों के उत्पात से लोगों में दहशत बनी रहती है। सोमवार की सुबह लगभग 12 वर्षीय रोहन अपने मित्र इनाया व माही के साथ अपने घर की छत पर खेल रहा था। इस दौरान अचानक बंदरों का झुंड वहां पहुंचा, जिन्हें देखकर बच्चे इधर-उधर भागने लगे। देखते ही देखते बंदरों ने बच्चों पर हमला कर दिया। जान बचाकर तीनों बच्चे सीढ़ियों से नीचे की तरफ भागे, लेकिन गिरने के दौरान तीनों घायल हो गए। बच्चों की चीख एवं शोर सुनकर परिजन व स्थानीय लोग वहां पहुंचे। किसी तरह बंदरों को वहां से भगाया। इसके बाद घायल बच्चों को स्थानीय चिकित्सक के यहां उपचार कराया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदरों के आतंक से लोगों में दहशत है। आए दिन बंदरों का झुंड किसी न किसी पर हमला करता रहता है। शहर के मोहल्ला पुरा, गांधी बाजार, किशनगंज, राणा पट्टी, शिवाजी नगर, रजनी विहार के लोग परेशान हैं। बंदरोंका आतंक इतना है कि गली से राहगीर अकेले नहीं जा सकता है। गलियों की दीवार पर बंदर टोलियों के साथ बैठे रहते हैं। बंदर हर रोज किसी न किसी मोहल्ले में बच्चों, राहगीरों, महिलाओं को काट रहे हैं।
लोगों का आरोप है कि कई बार नगर पालिका के अधिकारियों से बंदरों को पकड़वाने की मांग की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब हालात यह हैं कि लोग घरों की छतों पर जाने से डरने लगे हैं। दिन निकलते ही बंदर सड़कों व छतों पर बैठ जाते हैं। दुकानें से सामान झपटकर भाग जाते हैं। वहां से गुजरने वाले लोगों पर हमला करते हैं। नगर पालिका अध्यक्ष विभु बंसल ने बताया कि नगर में बंदरों को पकड़वाने का कार्य शुरू हो चुका है। जहां बंदर नहीं पकड़े गए हैं वहां टीम को भेज कर पकड़वाया जाएगा।