नगर पालिका के दावों के बावजूद नहीं हो पा रही धरपकड़, राह चलते हमला कर रहे बंदर
ब्रजघाट (हापुड़)। मुक्तिधाम के रूप में विख्यात गंगानगरी ब्रजघाट में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आने वाले श्रद्धालु ही नहीं, स्थानीय निवासी भी दहशत में जीवन जीने को मजबूर हैं। बंदर सिर्फ घाटों पर नहीं, बल्कि रेलवे स्टेशन, मुख्य बाजार और प्रमुख रास्तों पर झुंडों में घूमते नजर आते हैं। स्थिति यह है कि सड़क पर पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है।
हर समय मंडराते रहते हैं झुंड
फव्वारा चौक, होली चौक, शिवचौक, रेलवे स्टेशन से लेकर लोक निर्माण विभाग अतिथि गृह तक के मार्गों पर हर समय बंदरों के झुंड मंडराते रहते हैं, जो राह चलते लोगों से फल, सब्जी, प्रसाद और अन्य खाद्य सामग्री झपट लेते हैं। कई बार वे महिलाओं और बच्चों पर हमला भी कर चुके हैं, जिससे लोगों में डर बना हुआ है।
हजारों श्रद्धालु रोज आते हैं गंगास्नान के लिए
ब्रजघाट में प्रतिदिन दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और पश्चिमी यूपी के दर्जनों जिलों से हजारों श्रद्धालु गंगास्नान, अस्थि विसर्जन, मुंडन संस्कार और दाह संस्कार के लिए पहुंचते हैं। वहीं हर पूर्णिमा, अमावस्या और धार्मिक मेलों में श्रद्धालुओं की संख्या लाखों तक पहुंच जाती है। लेकिन बंदरों का आतंक श्रद्धा में खलल डाल रहा है।
पालिका प्रशासन की निष्क्रियता से लोगों में रोष
स्थानीय लोगों का कहना है कि पालिका प्रशासन केवल दावे करता है, लेकिन बंदरों की धरपकड़ या रोकथाम के लिए कोई ठोस कार्यवाही अब तक नहीं हुई। निराश्रित पशुओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है, जिससे गंगानगरी की धार्मिक गरिमा और सुरक्षा व्यवस्था दोनों प्रभावित हो रही हैं।
स्थानीयों की मांग
- बंदरों की धरपकड़ के लिए तत्काल अभियान चलाया जाए
- श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु निगरानी टीम या होमगार्ड तैनात हों
- निराश्रित पशुओं को हटाने के लिए भी योजना बनाई जाए