हापुड़ शहर में बंदरों और कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। बुलंदशहर रोड स्थित जैन लोक में बंदरों ने महिला समेत तीन लोगों को काटकर घायल कर दिया। लोगों ने भागकर जान बचाई। वहीं भीमनगर मोहल्ले में कुत्तों के झुंड ने पिता व बेटी पर हमला कर दिया। चिकित्सकों की माने तो गर्मियों में बंदर और कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं। लोग घर से बाहर निकलने में भी डर रहे है। ऐसे मामलों में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
तापमान बढ़ते ही जिले में कुत्तों और बंदरों का आतंक बढ़ गया है। हापुड़ के मोहल्ला जैनलोक निवासी बीना शर्मा छत पर किसी काम के लिए गई थीं। इसी दौरान उन पर बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया गया। उन्हें पेट और सिर में दो जगहों पर काटा लिया। चीख सुनकर परिजन दौड़े और लाठी डंडों से बंदरों को खदेड़ दिया। इस दौरान बंदरों ने गली से गुजर रहे मजीदपुरा निवासी साजिद और रिहाना को भी काट लिया।
इसके अलावा गढ़ रोड के मोहल्ला भीमनगर निवासी सचिन और उसकी बेटी प्रिया पर घर के बाहर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। प्रिया को मेरठ रेफर किया गया। शहर में आवारा कुत्तों और कटखाने बंदरों के हमले इस तरह बढ़ रहे हैं कि लोग अब अपने घरों से बाहर निकलने में डरते जा रहे हैं। यह स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीरता प्राप्त कर रही है, क्योंकि आवारा कुत्ते और बंदर लोगों के ऊपर हमला कर रहे हैं, जिससे कई लोग घायल हो रहे हैं। जिसके चलते लोग चिंतित हैं।
चिकित्सकों की मानें तो कुत्ते बंदर तापमान बढ़ने से आक्रामक हो रहे हैं। इन दिनों कुत्तों के व्यवहार में बदलाव हुआ है। कुत्ते व बंदर इतने आक्रामक हो गए हैं कि एक बार काटने के बाद वह कई बार हमला करते हैं। यहां तक की चेहरे पर भी वार कर रहे हैं। ऐसे में बच्चों को विशेष उपचार की जरूरत पड़ती है। दरअसल, जिन बच्चों को कुत्तों द्वारा अधिक नौचा जाता है, ऐसे बच्चों को 24 घंटे के अंदर एंटी रेबीज सीरम लगाना होता है, जो जख्म के आसपास लगाया जाता है। ताकि रेबीज दिमाग तक न पहुंचे। जिले में यह वैक्सीन नहीं आती, इसलिए बच्चों को इस तरह की दवा मोनोक्लोनल एंटीरेबीज लगवाने के लिए दिल्ली ही भेजा जाता है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की जिले के सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज की वैक्सीन पर्याप्त है। सीएचसी के साथ ही अब पीएचसी पर भी यह मुहैया करा दी गई है। इस प्रकार के मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए सभी केंद्रों पर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।