जनपद हापुड़ के पिलखुवा में टेक्सटाइल सेंटर में चादर छापने की फैक्टरी से खेतों में दूषित पानी पहुंच रहा है। कपड़ा फैक्टरी से निकले रसायन युक्त दूषित पानी से किसानों की आठ से दस बीघा फसल बर्बाद हो गई। जिसको लेकर गुस्साएं किसानों ने हंगामा कर प्रदर्शन किया। वहीं, प्रदूषण विभाग के अधिकारी फैक्टरी संचालक के खिलाफ कार्यवाही करने का दावा कर रहे हैं।
डूहरी निवासी शुभम तोमर, अरुण तोमर, उपेंद्र और शिव तोमर के खेत ज्योति प्रोसेसिंग फैक्टरी से मिले हुए हैं। टेक्सटाइल सेंटर स्थित कपड़ा फैक्टरी में चादर की छपाई का काम होता है। आरोप है कि फैक्टरी द्वारा रसायन युक्त पानी को खेतों में डाल दिया गया। जिसके कारण रसायन युक्त दूषित पानी से किसानों की गेहूं, धान समेत अन्य आठ से दस बीघा फसल नष्ट हो गई। इससे गुस्साए किसानों ने फैक्टरी के मुख्य द्वार पर जमकर हंगामा किया।
प्रदूषण नियंत्रणबोर्ड के अधिकारी विपुल कुमार ने बताया कि फैक्टरी बिना अनुमित के संचालित हो, रही है, फैक्टरी के पास निर्माण करने की अनुमति है, संचालन की नहीं है। फैक्टरी संचालक के खिलाफ कारवाही की जएगी।
हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के सचिव प्रवीन गुप्ता का कहना है कि फैक्टरी संचालक को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि एचपीडीए से फैक्टरी के किरायेनामे का समझौता नहीं हुआ है, जो गलत तरीके से संचालित हो रही है। फैक्टरी संचालक सत्या पाठक का कहना है कि खेत एवं फैक्टरी के टैंक से दूषित पानी को निकाला जाएगा। एसडीएम धौलाना लवी त्रिपाठी का कहना है कि प्रदूषण एवं एचपीडीए के अधिकारियों से वार्ता कर कार्यवाही की जाएगी।