हापुड़। मरीजों को कमर दर्द परेशान कर रहा है। महीनों से कमर का दर्द झेल रहे बहुत से मरीजों की रीढ़ की हड्डी में टीबी निकल रहा है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की जांच में खुलासा हुआ है। बीमारी के चलते कुछ मरीजों का चलना फिरना भी बंद हो गया है, इन मरीजों को टीबी की दवाओं का कोर्स पूरा करने की सलाह दी गई है।
वर्ष 2025 तक जिले को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जैस जैसे जांच बढ़ रही है, टीवी के मरीजों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। इन दिनों फेफड़ों की टीबी के अलावा गुदों, हड्डी, दिमाग में भी टीबी मिल रही है। अब रीढ़ की हड्डी में भी टीबी निकल रहा है। मरीज महीनों से कमर का दर्द झेल रहे है, जिनकी जांच में टीबी निकला रहा है।
गढ़ रोड सीएचसी के फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि हाल ही में कई मरीज ऐसे आए हैं, जिनके रीढ़ की हड्डी टीबी से गल चुकी है। मरीजों के कमर के नीचे का भाग निष्क्रय होने लगा है। सुन्न होने के कारण शरीर में सुई आदि चुभाने पर भी कोई असर नहीं पड़ रहा। ऐसे कुछ मरीज व्हीलचेयर से अस्पताल पहुंचे, जिनका एक्सरे कराया तो हड्डी में गलन की रिपोर्ट मिली।
कई साल से दवा खाने के बाद भी आराम नहीं लगा, अब छह से नौ महीने का इलाज चलेगा। टीबी का पूरा इलाज कराना ज़रूरी है। अगर पूरी दवा नहीं ली, तो फिर से टीबी हो सकता है। अगर आपको कमर में लंबे समय से दर्द है, तो इसे नजर अंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।