जनपद हापुड़ में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत जिले में 20 फरवरी से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान शुरू किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि यह अभियान तीन मार्च तक चलेगा। एसीएफ के लिए तैयारियों शुरू कर दी गई हैं।
अभियान के तहत जिले की 20 फीसदी आबादी की स्क्रीनिंग होगी, इसके लिए 145 टीम बनाई गई हैं, जो घर-घर जाकर टीबी के रोगी खोजेंगी। टीमों के कार्य का पर्यवेक्षण करने के लिए कुल 17 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं।
डीटीओ डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर क्षयरोग के साथ ही मधुमेह और एचआईवी की भी स्क्रीनिंग करेंगे। 20 फरवरी से पहले स्क्रीनिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया कि पहले पांच दिन अभियान आवासीय संस्थानों में स्क्रीनिंग की जाएगी और क्षय रोग के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। 25 मार्च से टीम घर-घर जाएंगी। टीम में शामिल आशा और अन्य कर्मचारी जांच के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
डीटीओ ने बताया कि एसीएफ अभियान के तहत जनपद की 20 प्रतिशत जनसंख्या (शहरी व ग्रामीण बस्ती तथा उच्च जोखिम क्षेत्र) में घर-घर जांच की जाएगी।
इसके अलावा अनाथालय वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, चिन्हित समूह स्थल सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईंट भट्ठों, स्टोन क्रेशर, खदान, साप्ताहिक बाजार आदि में भी अभियान चलाया जाएगा।
एसीएफ अभियान के अंतर्गत खोजे गए संभावित क्षय रोगियों का जिला क्षय रोग अधिकारी पर्यवेक्षण- समीक्षा एवं मूल्यांकन करेंगे। उन्होंने बताया कि एसीएफ में मिलने वाले मरीजों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। टीबी मरीजों की जल्दी पहचान होने से जल्दी उपचार शुरू हो जाता है।