जनपद हापुड़ में वर्ष 2025 तक देश से टीबी को मुक्त करने की तैयारी हैं, जैसे जैसे जांच बढ़ी है वैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वर्तमान में 2200 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है, बहुत से मरीज एक्सडीआर श्रेणी में भी हैं।
गढ़ रोड हापुड़ सीएचसी के अधीक्षक डॉ. दिनेश खत्री का कहना है कि हाल ही में कई मरीज ऐसे आए हैं, जिनके रीढ़ की हड्डी टीबी से गल चुकी है। हड्डी के निचले हिस्से को टीवी अधिक प्रभावित कर रहा है, इसके चलते मरीजों के कमर के नीचे का भाग निष्क्रीय होने लगा है।
सुन्न होने के कारण शरीर में सुई आदि चुभाने पर भी कोई असर नहीं पड़ रहा, इन दिनों हड्डियों और गुर्दे में भी टीबी पैठ बना रहा है, ऐसे दर्जनों मामले सरकारी अस्पतालों में चिन्हित हुए हैं।
मरीज पीठ दर्द व अन्य जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। टीबी जांच केंद्र पर इस तरह के लक्षण होने पर तुरंत जांच करवानी चाहिए। यह बोन टीबी भी हो सकती है।
शनिवार को भी ऐसे मरीज व्हीलचेयर से अस्पताल पहुंचे। जिनका एक्सरे कराया तो हड्डी में गलन की रिपोर्ट मिली। इन मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा फेफड़ों के टीबी वाले मरीजों की संख्या भी निरंतर बढ रही है। वर्तमान में 2200 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है। कुछ मरीज एक्सडीआर श्रेणी में भी हैं।
जिला टीबी अधिकारी राजेश सिंह ने कहा कि जिले में समय समय पर स्क्रीनिंग कर, टीबी के मरीजों को खोजा जा रहा है। मरीजों को पुष्टाहार बांटने के साथ ही उनका हर संभव ध्यान रखा जा रहा है।