जिले में दस हजार से अधिक घरों में फुंके मीटरों से दी जा रही सप्लाई
जनपद हापुड़ में ऊर्जा निगम में डिजिटल मीटरों का संकट बन गया है, दस हजार से अधिक घरों में फुंके मीटरों से ही सप्लाई दी जा रही है।
अंधाधुंध बिजली फूंकने पर भी आरडीएफ के बिल बन रहे हैं। निगम कार्यालयों में शिकायती पत्रों के अंबार लगे हैं। वहीं, प्रीपेड मीटर का भी रास्ता साफ नहीं है।
बिजली चोरी रोकने के लिए 95 फीसदी से अधिक उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर मीटर से ही सप्लाई दी जा रही है। जिलेभर में ऊर्जा निगम से जुड़े उपभोक्ताओं की संख्या करीब तीन लाख है। पश्चिमांचल के कई जिलों में प्रीपेड मीटर सर्विस भी शुरू होने जा रही है। लेकिन हापुड़ इस सुविधा से अभी कोसो दूर है।
आलम यह है कि प्रीपेड मीटर तो दूर यहां डिजिटल मीटर की पूर्ति तक नहीं हो रही है। जिले के तीनों डिवीजन में ऐसा कोई गांव, मोहल्ला नहीं बच रहा जहां लोग मीटर की समस्या से परेशान न हो। कोई मीटर के तेज चलने से परेशान है तो कोई आरडीएफ का बिल मिलने से परेशान है।
लेकिन अधिकारी इन समस्याओं को जानकर भी चुप्पी साधे हुए हैं, क्योंकि निगम में मीटर का स्टॉक ही खत्म पड़ा है। जिन उपभोक्ताओं के मीटर गर्मियों में खराब हुए हैं, उनके आज तक आरडीएफ के बिल आ रहे हैं।
पटना मुरादपुर लैब में इन दिनों करीब 1300 मीटर बदलने की शिकायतें दर्ज हैं, जो हापुड़ डिवीजन के उप खंड कार्यालयों से भेजी गई हैं। इसके अलावा देहात अंचल से अवर अभियंता के पास भी 1600 और शहरी क्षेत्र से 1400, पिलखुवा और गढ़ डिवीजन की मिलाकर करीब 5700 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
मीटर, अधिशासी अभियंता- गीता आनंद ने बताया कि खराब मीटरों की बदली कराई जा रही है। झटपट योजना में आवेदन आने वालों को सबसे पहले प्राथमिकता दी जा रही है। साथ ही तीन महीने से आरडीएफ के बिल आने वाले उपभोक्ताओं को भी प्राथमिकता पर रखा गया है।