हापुड़ जिले में पांच साल के अंदर रिकॉर्ड 54 लाख क्विंटल गन्ना उत्पादन गिरा है। इस साल दो फीसदी रकबा बढ़ने के बावजूद पिछले साल से 14 लाख क्विंटल गन्ने की आपूर्ति कम हुई हैं। इस साल दोनों चीनी मिलों पर महज 152 लाख क्विंटल गन्ना आपूर्ति हुआ है, जो पिछले साल से करीब 14 लाख क्विंटल कम है। फसल इस तरह प्रभावित हुई है कि अप्रैल से पहले ही दोनों चीनी मिल बंद करने पड़े हैं। इसका असर न सिर्फ किसानों की जेब पर पड़ा है, बल्कि चीनी उत्पादन में पहचान पाने वाले जिले को भी झटका लगा है।
पेराई सत्र 2024-25 में जिले के करीब 39 हजार हेक्टेयर रकबे में गन्ना हुआ है, जो पिछले साल से करीब दो फीसदी अधिक रहा। लेकिन गन्ने की फसल में भयंकर बीमारी और कीट का असर रहा। जिस कारण फसल का उत्पादन घटा है।
ब्रजनाथपुर चीनी मिल आधे मार्च और अब सिंभावली मिल अप्रैल में ही बंद कर दी गई। वर्ष 2021-22 में जहां चीनी मिलों ने रिकॉर्ड करीब 208 करोड़ क्विंटल गन्ने की खरीद की थी, उसके सापेक्ष इस साल महज 152 करोड़ क्विंटल गन्ने की ही पेराई हो सकी है। इन दोनों सालों में गन्ना पेराई का स्तर काफी गिरा है।
जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान- ने बताया की जिले में दोनों चीनी मिलों पर पेराई सत्र थम गया है। किसानों को गन्ने का जल्द से जल्द भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है। चीनी मिलों पर सख्ती की जा रही है।