हापुड़ जिले में चार साल बाद गन्ने का रकबा बढ़ा है, सर्वेक्षण में इस वर्ष रकबे में ढाई फीसदी (950 हेक्टेयर) का इजाफा हुआ है। करीब 21 हजार हेक्टेयर में नए सिरे से फसल की बुवाई हुई है। गन्ने के दामों में इजाफा और बढ़ती मांग के चलते किसानों का रुझान बढ़ा है।
भूमि अधिग्रहण और अन्य विकास कार्यों के चलते पिछले चार साल से जिले में गन्ने का रकबा लगातार गिर रहा था। पिछले साल चीनी मिल समय से पहले ही बंद कर दी गई थी। सर्वाधिक रकबे में बोई जाने वाली गन्ने की को-0238 प्रजाति में भयंकर बीमारी का प्रकोप रहा। जिस कारण पिछले साल उत्पादन भी गिरा था। इस बार किसानों ने इस प्रजाति को विस्थापित किया है। इसके स्थान पर चार नई प्रजातियों का गन्ना उगाया गया है।
करीब 21 हजार हेक्टेयर में नए सिरे से फसल की बुवाई हुई है। हालांकि को-0238 में इस वर्ष भी रोग का प्रकोप है, बरसात के बाद असर अधिक हुआ है। लेकिन राहत की बात यह है कि गन्ने के दामों में इजाफा और बढ़ती मांग को लेकर किसानों का रुझान फिर गन्ने की ओर बढ़ रहा है। हालांकि दोनों ही चीनी मिलों के भुगतान में कोई सुधार नहीं है, जिस कारण किसान परेशान हैं।
जिला गन्ना अधिकारी सना ऑफरीन खान- बताया की जिले में गन्ना सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो गया है, इस साल 39296 हेक्टेयर रकबे में गन्ने की फसल है। 21161 हेक्टेयर में पौधा और 18135 हेक्टेयर में पेड़ी गन्ना की बुवाई की गई है।