हापुड़ जिले की चीनी मिलों को हर महीने 70 करोड़ का भुगतान करने के आदेश है। लेकिन दोनों चीनी मिलों के गोदाम में सिर्फ 246 करोड़ की चीनी बची है। जबकि किसानों को अभी 315 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है। सिंभावली मिल ने 15 जनवरी और ब्रजनाथपुर ने आठ जनवरी तक का भुगतान समितियों को कर दिया है।
पेराई सत्र 2023-24 में सिंभावली चीनी मिल ने 452 और ब्रजनाथपुर चीनी मिल ने 192 करोड़ का गन्ना खरीद किया था। इसके सापेक्ष भुगतान में तेजी का हर संभव प्रयास हो रहा है। सिंभावली मिल को हर महीने 50 करोड़ और ब्रजनाथपुर मिल को 20 करोड़ भुगतान करना हैं। जिसमे दोनों चीनी मिलों को हर महीने 70 करोड़ का भुगतान करने के आदेश है। लेकिन लक्ष्य के सापेक्ष किसानों के खातों में पैसे नहीं पहुंच रहे। पिछले सत्र में भुगतान से पहले ही मिलों के गोदामों में चीनी का स्टॉक खत्म हो गया था।
ऐसे में सत्र 2023-24 में उत्पादित चीनी से पिछला भुगतान किया गया था। इस बार भी ऐसी स्थिति बन सकती है, क्योंकि गोदामों में अब करीब 5.60 लाख क्विंटल चीनी ही बची है। बाजार में फुटकर में चीनी 44 रुपये प्रति किलो बिक रही है। थोक में इसके दाम 40 रुपये तक पड़ रहे हैं, यदि फुटकर दामों के हिसाब से गणना भी करें तो चीनी सिर्फ 246 करोड़ की ही बैठती है जो कुल भुगतान से करीब 69 करोड़ रुपये कम है। वैसे अधिकारी सीरा, एथेनॉल आदि स्त्रोत से भी भुगतान कराने का दावा करते हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति यही है।
जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान- ने बताया की सिंभावली चीनी मिल से 15 जनवरी और ब्रजनाथपुर चीनी मिल से आठ जनवरी तक का भुगतान करा दिया गया है। किसानों को परेशानी नहीं होगी, समय से उन्हें भुगतान मिलेगा।