हापुड़ जिले में गन्ना किसानों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। चीनी मिल द्वारा भुगतान नहीं किए जाने से किसान परेशान हैं। पेराई सत्र 2024-25 में पुजाको मिल को करीब 81 लाख क्विंटल गन्ने की सप्लाई कर चुके हैं, लेकिन भुगतान एक पैसे का भी नहीं हुआ। पिछले सत्र का मिलों पर अभी करीब 44 करोड़ रुपये बकाया है। किसान अपने बच्चों की फीस भरने, शादियां करने के लिए कर्ज लेने को मजबूर हैं।
दरअसल, जिले के अधिकांश किसान हापुड़ के इन दोनों चीनी मिलों को गन्ना सप्लाई करते हैं। पिछले कई सालों से दोनों ही मिल गन्ना भुगतान में पिछड़ रही हैं। बैंकों के साथ चल रहे विवाद में मिलों पर आईआरपी गठित हो गए हैं। फिर भी पिछले सत्र का भुगतान अभी भी अधूरा है।
इन दिनों चीनी मिल के गोदाम से बाजार भाव से कम दाम पर करीब 71 हजार क्विंटल पुरानी चीनी बिक्री का मामला चर्चा का विषय बना है। पिछले सत्र का मिलों पर अभी करीब 44 करोड़ रुपये बकाया है। इसको लेकर नोटिस भी जारी किया गया है, किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए ज्ञापन दिया है। हालांकि भुगतान की समस्या अभी भी वैसी ही है। इस सत्र में जिले के किसान करीब 81 लाख क्विंटल गन्ना समितियों को दे चुके हैं।
इस गन्ने के सापेक्ष मिल ने नए सत्र का कोई भुगतान किसानों को नहीं किया है। सिंभावली मिल ने मार्च 2024 और ब्रजनाथपुर मिल ने 29 फरवरी 2024 तक का भुगतान ही किया है। शासन ने नए सत्र का गन्ना मूल्य अभी तक घोषित नहीं किया गया। जस कारण पर्चियों पर भी शून्य बैलेंस ही डालकर किसानों को दिया जा रहा है। कुल मिलाकर चीनी मिलों की भुगतान में लेटलतीफी से किसान अपने बच्चों की शादी और पढ़ाई के लिए इधर उधर से कर्ज लेने को मजबूर हैं।
जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान- ने बताया की चीनी मिलों से लगातार किसानों को भुगतान कराया जा रहा है, पिछले सत्र का पूरा भुगतान जल्द ही करा दिया जाएगा।