कैरियर किसी भी विद्यार्थी की जिन्दगी का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव होता है। विभिन्न बोर्ड के रिजल्टस आ चुके है। ऐसे में विद्यार्थियों के सामने बड़ी उलझन होती है कि वो कौन सा कोर्स व कौन सा कालेज का चुनाव करें। यह आर्टिकल छात्रों के इसी कन्फ्यूजन को दूर करने में सहायक होगा।
ऐसे छात्र छात्राओं के लिए जेo एमo एसo ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस हापुड में कैरियर काउंसलिंग प्रोग्राम ऑर्गनाइज करता हैं। जिसमे प्रतिदिन छात्र छात्राएं दूर दराज से आकर अपने प्रश्नों के उत्तर पाकर अपने आप को पूर्ण रूप से संतुष्ट महसूस करते हैं। एक समय था जब विद्यार्थियों के समक्ष सीमित विकल्प ही होते थे, लेकिन आज उनके समक्ष अनेकों विकल्प है सही विकल्प का चयन ही उसके भविष्य की दिशा तय करता है। विद्यार्थी को सही कोर्स चुनने से पहले निम्न कुछ बिन्दुओं पर विचार करना चाहिए।
1- उपलब्ध विकल्पों की जानकारी:- सर्वप्रथम छात्र को अपने समक्ष उपलब्ध सभी विकल्पों की एक सूची बनानी चाहिए तथा उन सभी विकल्पों की जानकारी एकत्रित करनी चाहिए।
2- अपने गुणों व काबलियत का मूल्याकंन :- विद्यार्थी को यह समझना होगा कि वह किस में अपनी रूचि रखता है। और क्या उस कोर्स के अनुरूप काबलियत रखता है या नहीं। वैसे अथक मेहनत व रूचि के आधार पर विद्यार्थी अपनी काबलियत को स्तर बढ़ा सकता है।
3- कोर्स से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण जानकारी- विद्यार्थी को यह जानना चाहिए कि उपलब्ध विकल्प कोर्स करने के पश्चात् छात्र को किस क्षेत्र में अपना कैयिर बनाने का अवसर प्राप्त हो सकता है। वर्तमान व भविष्य में इन क्षेत्रों के विकास की क्या सम्भावनाऐं है। उपलब्ध विभिन्न कोर्स किए हुए विद्यार्थी को रोजगार प्रतिशत की जानकारी भी प्राप्त करनी चाहिए।
जीवन और कैरियर में सफलता का मुख्य कारक सही प्रबन्धन, क्रिएटीवीटी एवम् पोजिटिव सोच और प्रैक्टिकल अप्रोच आदि का सम्मिश्रण है। अतः हमें ऐसी जीवन शैली जीने की कोशिश करनी चाहिए। जिसमें इन सभी व्यवहारिक एवम् सैद्धान्तिक गुणों का समावेश हो।
कैरियर की इस भाग-दौड़ में कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता। हर कोई अपने सपनों को साकार करना चाहता है कि यह कहना गलत नही होगा कि छात्र अपने स्कूल के समय से ही अपने सपनों या अपनी रूचि के अनुसार भविष्य में आगे बढ़ने की कोशिश करने का प्रयास करें। छात्रों को अपनी प्रतिभा के बारे में अपने माता-पिता एवम् शिक्षकों के साथ अपने विचारों एवम् सपनों पर चर्चा करनी चाहिए। यदि आप चाहे तो अपने दोस्तों या अपने सीनियर्स से भी अपने कैरियर प्लान के विषय में विचार ले सकते है। जोकि आपके भविष्य के लिये काफी मदगार साबित होगें।
इस प्रकार यदि प्रारम्भिक समय में ही छात्र अपनी रूचि के अनुसार अपने कैरियर के लिये तैयारियाँ शुरू कर दें तो आने वाले समय में छात्र अपने बहुमूल्य समय को बचा सकता है। इस प्रकार जब आप अकादमिक शिक्षा को पूर्ण कर लेगे तो आपके पास अपने कैरियर से जुड़े काफी विकल्प मौजूद होगें और आप उनमें से सर्वोत्तम विकल्प के साथ आगे बढ़ सकते है।
स्कूल के दिन छात्रों के भविष्य की नींव के सामान होते है जहाँ न केवल वे विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ते है बल्कि अपनी प्रतिभाओं और उनके विकल्पों के बारे में सोच विकसित करते है और एक सही दिशा चुनने की कोशिश करते है।
दरअसल सभी सफल व्यक्तियों के पास अपने जीवन के प्रारंभिक दौर में कैरियर के लक्ष्य का एक स्पष्ट दृष्टिकोण होता है। उपयुक्त प्रश्न केवल नौकरी के लिये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न नहीं है। इन सवालों का जवाब किसी व्यक्ति के दूरदर्शिता की जॉच करता है। कैसे हम एक वास्तविक लक्ष्य बनाकर उसे प्राप्त कर सकते है ।
कैरियर गोल क्या है- कैरियर का लक्ष्य मूल रूप से एक विशेष समय सीमा के अन्दर में अपने आपको शैक्षणिक और पेशेवर तौर पर स्थापित करना होता है।