पिलखुवा – एसटीएफ द्वारा मोनाड़ यूनिवर्सिटी में छापेमारी के बाद से हजारों छात्र-छात्राओं के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इसी चिंता को लेकर सोमवार को मोनाड़ यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय का रुख किया और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जैसे ही छात्रों का हुजूम जिला मुख्यालय पहुंचा, जिलाधिकारी अभिषेक पांडे स्वयं बाहर आए और प्रदर्शन कर रहे छात्रों से संवाद किया। छात्र नेता मोहित पाल ने डीएम के समक्ष अपनी व्यथा रखते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में डिग्री को लेकर भारी अनियमितताएं हैं। फर्जी डिग्री बनाने की खबरों ने करीब 6 हजार छात्रों को मानसिक तनाव में डाल दिया है।
डिग्रियों के लिए काट रहे चक्कर, स्कॉलरशिप के नाम पर छल
एक छात्रा ने बताया कि उसे दो साल से डिग्री नहीं मिल रही है, लगातार चक्कर काटने के बावजूद यूनिवर्सिटी टालमटोल कर रही है। वहीं एक अन्य छात्रा ने यूनिवर्सिटी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दूसरे राज्यों के छात्रों से मोटी रकम लेकर उन्हें फर्जी डिग्रियां दी जा रही हैं।
छात्रों ने बताया कि एडमिशन के समय उन्हें स्कॉलरशिप का लालच दिया जाता है, लेकिन फीस न जमा करने पर परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाता। इससे कई छात्रों का शैक्षिक भविष्य अधर में लटक गया है।
जिलाधिकारी ने दिया भरोसा, जल्द होगी कार्यवाही
डीएम अभिषेक पांडे ने सभी छात्रों की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि “आपके भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। परीक्षा दिलाई जाएगी और डिग्रियों की सत्यता की पूरी जांच होगी।”
उन्होंने कहा कि मोनाड़ यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार अधिकारियों के साथ जल्द बैठक कर समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाएगा।
छात्रों की मांग – हो उच्चस्तरीय जांच
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मांग की कि मोनाड़ यूनिवर्सिटी के पूरे प्रशासनिक तंत्र की उच्चस्तरीय जांच हो और जो छात्र-छात्राएं वाजिब तरीके से पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें डिग्री और परीक्षा का पूरा अधिकार मिले।
यह मामला न केवल छात्रों की शिक्षा से जुड़ा है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की साख और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस पूरे प्रकरण में कितनी तेजी और पारदर्शिता से कार्यवाही करता है।