हापुड़। जिले में चल रही रिवैप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए 153 करोड़ की योजना लागू की गई थी। लेकिन कार्यदायी संस्था द्वारा किए गए कार्य में भारी अनियमितता सामने आई है। संस्था जहां 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने का दावा कर रही है, वहीं जमीनी जांच में 40 प्रतिशत कार्य भी पूरा नहीं पाया गया है।
इस लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय के निर्देश पर ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता एस.के. अग्रवाल ने कार्यदायी संस्था को नोटिस जारी कर एक महीने का समय दिया है। यदि तय समय में कार्य में सुधार नहीं हुआ, तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
🔍 क्या है योजना और कहां चूकी संस्था?
- योजना के अंतर्गत 53 बिजलीघरों से जुड़े 169 फीडरों पर काम होना था।
- इनमें से 105 फीडर ऐसे हैं जिन पर HT लाइन और LT AB केबल का कार्य प्रस्तावित था।
- संस्था की रिपोर्ट में कहा गया कि 41 फीडरों पर कार्य चल रहा है और 64 फीडरों पर कार्य पूर्ण हो गया है।
- लेकिन जांच में सामने आया कि अधिकांश फीडरों पर कार्य अधूरा है या मात्र शुरुआत हुई है।
✅ थर्ड पार्टी से हो रही है जांच
योजना के तहत किए गए कार्यों का सत्यापन थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर ही संस्था को भुगतान और अगली प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
“कार्यदायी संस्था को एक महीने का समय दिया गया है। यदि कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो आगे की कार्यवाही की जाएगी।”
— एस.के. अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, ऊर्जा निगम
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