आलू और सरसों के दामों को लेकर किसान परेशान थे, अब मौसम भी किसान पर कहर बनकर बरसा है। आंधी, ओलावृष्टि और बरसात से गेहूं की पकी–पकाई लहराती फसल काफी हद तक बर्बाद हो गई, जो बिल्कुल तैयार थी। जिसके चलते किसान चारों तरफ परेशानी से घिर गया।
आलू की भरमार पैदावार करना किसानों के लिए सिरदर्दी बन गया। आलू के दाम को लेकर किसान इधर से उधर भटकता रहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब बाजार में आलू के सही दाम नहीं मिले तो किसान के पास आलू कोल्डस्टोरेज में रखने के अलावा कोई समाधान नहीं बचा। सरकार की तरफ से बस इतनी राहत दी गई कि कोल्ड स्टोरेज के किराये में छूट दे दी गई।
इसके बाद सरसों की बेहतर पैदावार भी किसानों के लिए मुश्किल बनकर खड़ी हो गई, क्योंकि बाजार में सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीददारी नहीं हो रही और सरकारी क्रय केंद्रों का कोई अता पता नहीं था। अभी किसान इस समस्या को लेकर मुखर हो ही रहा था कि मौसम की बदलती करवट ने स्थिति को और ज्यादा बिगाड़ दिया है।
शनिवार को क्षेत्र में चली तेज हवाओं, बरसात और ओलावृष्टि के बाद तैयार गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। वहीं कुछ किसानों की कटी हुई फसल भी खेत में पड़ी भीग गई। ओलावृष्टि के कारण गेहूं का दाना भी झड़ गया।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए फसल क्षति की सूचना 72 घंटे के अन्दर देनी होगी।
18 मार्च को हुई बारिश व तेज हवा से जिन बीमित किसानों की फसल बर्बाद हुई है। आगामी दिनों में भी ओलावृष्टि, वर्षा की संभावना बतायी जा रही है, उन बीमित किसानों को अपनी फसल क्षति की सूचना 72 घन्टे के अन्दर देनी होगी।
बीमा कम्पनी के टोल फ्री नं० 18008896868 अथवा जिला स्तरीय कार्यालय में दावा प्रपत्र भरकर उपलब्ध कराना होगा, तभी उनका दावा/ शिकायत क्षतिपूर्ति हेतु स्वीकार कर फसल की क्षतिपूर्ति का लाभ दिलाया जा सकेगा।