हापुड़ में तेज बारिश और आंधी-तूफान ने गेहूं की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है। किसान संगठनों ने अधिकारियों पर फसलों का सर्वे नहीं करने और बीमा एजेंटों का फोन तक नहीं उठने की शिकायत की है। बहुत से किसान इन अव्यवस्थाओं के कारण 36 घंटे के अंदर अपनी शिकायत भी दर्ज नहीं करा सके। भाकियू ने इस मामले को किसान दिवस में उठाने का निर्णय लिया है।
प्राकृतिक आपदा से फसल क्षतिग्रस्त होने पर बीमित किसानों को सर्वे कराकर उन्हें मुआवजा दिया जाजाता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्राकृतिक आपदा से फसल क्षतिग्रस्त होने पर बीमित किसानों को 36 घंटे के अंदर कॉल कर शिकायत दर्ज करानी होती है। इसके लिए बीमित कंपनी के एजेंटों के नंबर भी किसानों को दिए जाते हैं।
दो दिन पहले आंधी, बरसात के कारण गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। आंधी, बारिश से गेहूं की फसल को खासा नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि तेज आंधी में कटे पड़े गेहूं की फसल भी इधर उधर उड़ गई।
भाकियू जिलाध्यक्ष पवन हूण ने कहा कि क्षेत्र के किसानों ने कई बार एजेंटों को फोन मिलाए। लेकिन उनका नंबर या तो उठा नहीं या फिर पहुंच से बाहर बताया गया। ऐसे में निर्धारित समय के अंदर किसान अपनी शिकायतें दर्ज नहीं करा सके। जिस कारण फसल क्षति का मुआवजा तो दूर सर्वे तक नहीं हो सका है।उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को अब किसान दिवस और कलक्ट्रेट पहुंचकर उठाया जाएगा। लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवही की मांग करेंगे।