जनपद हापुड़ में स्टाफ की कमी के कारण जिले में कोरोना जांच का दायरा सीमित हो गया है, अथक प्रयास के बावजूद जांचें 600 से आगे नहीं बढ़ रही। जबकि हर रोज 1500 से 1800 लोगों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सीएचसी, जिला अस्पताल में 564 लोगों के सैंपल जुटाएं। इनकी एंटीजन जांच की गई, जिसमें सभी निगेटिव आए। यही नमूने अब आरटीपीसीआर के लिए भेजे गए। राहत की बात यह है कि सोमवार को सभी नमूने की रिपोर्ट निगेटिव आई।
कोरोना की पहली लहर के दौरान आउट सोर्स से 60 से अधिक कर्मचारी जांच, टीकाकरण में लगाए गए थे। लेकिन अब इन कर्मचारियों को हटा दिया गया है, ऐसे में कोठीगेट पीपीसी, डायट परिसर और नगर पालिका में जांच पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं। अस्पतालों में भी एक या दो कर्मचारियों को ही पूरे दिन जांच करनी पड़ती हैं।
कोरोना संक्रमण में तेजी आने से जिले में 20 मरीज सक्रिय हैं। कोरोना सक्रमित 20 मरीजों का इलाज चल रहा है। कोरोना महामारी को लेकर अस्पतालों से लेकर सार्वजनिक स्थानों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर लोग खूब लापरवाही बरत रहे हैं, मास्क तक नहीं पहन रहें। मेरठ, दिल्ली से आने वाले लोगों की रेंडम जांच बंद हो गई है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, सार्वजनिक स्थानों पर भी जांच के कोई इंतजाम नहीं हैं।
गढ़ रोड सीएचसी अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को करीब 1453 मरीज पहुंचे। लेकिन इनमें अधिकांश ने मास्क तक नहीं पहना था। अधिकांश बुखार, खांसी, जुकाम के मरीज थे। इन दिनों लोगों ने मास्क से दूरी बनाई हुई है। ऐसे में कोरोना विस्फोट कभी भी हो सकता है। मरीजों की जांच में भी यहां लापरवाही बरती जा रही है।
बाजारों में सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो पा रहा है। लोग मास्क भी नहीं पहन रहें, ऐसे में संक्रमित मरीजों के संपर्क में आकर लोग शहर से गांवों तक इस बीमारी को फिर फैला सकते हैं। जबकि शासन ने मास्क संबंधी गाइडलाइन पहले ही जारी कर दी है। ऐसे में सभी लोगों को मास्क व गाइडलाइन का पालन करना चाहिए, और लोगों को सावधानी बरतनी होगी।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की जिले में 20 मरीज सक्रिय हैं, सोमवार को कोई नया मरीज नहीं मिला। लोगों को सावधानी बरतनी होगी, भीड़ वाले स्थानों से बचें, मास्क का प्रयोग करें और सामाजिक दूरी का पालन करें।