हापुड़ जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आभा कार्ड बनाने की रफ्तार काफी धीमी है। अस्पतालों में अब भी मरीजों को पर्चे लेकर ओपीडी में दौड़ना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल की ओपीडी और काउंटर नेटवर्किंग से भी नहीं जुड़े हैं। धौलाना ब्लॉक में सबसे कम सिर्फ 46 फीसदी लोगों की ही आईडी तैयार हो सकी हैं। इलाज कराने में हो रही परेशानी
जिले के 45 फीसदी लोगों के सेहत की कुंडली (आभा आईडी) नहीं बन सकी है। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और पेपरलेस उपचार के लिए आभा (आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट) आईडी बनाने के शासन ने आदेश दिए थे। आईडी बनाने का उद्देश्य मरीज के उपचार और बीमारी संबंधी हिस्ट्री को एक पटल पर लाना था। ताकि कोई भी चिकित्सक उपचार के दौरान आईडी खोलकर मरीज की पूरी हिस्ट्री आसानी से समझ सके।
चारों ब्लॉकों को लक्ष्य अनुसार आईडी बनाने के आदेश दिए गए। इसमें व्यक्ति के स्वास्थ्य का पूरा रिकाॅर्ड रहेगा। इस कार्य में आशा, एएनएम व अन्य स्वास्थ्य स्टाफ को लगाया गया। लेकिन सालों बीतने के बाद भी विभाग का पूरा अमला 5.96 लाख लोगों की ही आईडी बना सका है। ऐसे में मरीजों को पेपरलेस उपचार सुविधा फिलहाल नहीं मिल सकी है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की जिले के हर व्यक्ति की आभा आईडी बनेगी। टीमों द्वारा आईडी बनाई जा रही है। आभा आईडी बनने पर मरीजों को बिना पर्चे के उपचार मिल सकेगा। उनके सेहत से जुड़ी हर जानकारी आईडी पर दी जाएगी। जिन ब्लॉकों में रफ्तार धीमी है, उन्हें कड़े निर्देश दिए गए हैं।