रक्षाबंधन का पर्व बहन और भाई के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाइई पर राखी बांध उनकी लंबी आयु, सुख-समृद्धि की कामना भी करती हैं।
बजारों में राखी सजनी शुरू हो गयी है चारों तरफ बाजार सज गए है, जिसमें बड़ी संख्या में बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए राखी खरीदने बाजार पहुंची।
रक्षासूत्र या राखी को रक्षाबंधन के अवसर पर भाई की कलाई में बाँधा जाता है। इसे रेशमी धागे और कुछ सजावट की वस्तुओं को मिलाकर बनाया जाता है। इन राखियों का मूल्य भारतीय बाज़ार में 5 रु. से लेकर 1,500 रु. या उससे अधिक भी हो सकता है। आज कल तो बहने सोने और चाँदी की भी राखी अपने भाइयों को बांधने लगी है।
ऐसा माना गया है कि श्रवण नक्षत्र में बांधा गया रक्षासूत्र अमरता, निडरता, स्वाभिमान, कीर्ति, उत्साह एवं स्फूर्ति प्रदान करने वाला होता है।