हापुड़। एनसीएलटी से सिंभावली शुगर मिल ग्रुप को झटका लगा है। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की करीब 103 करोड़ की देनदारी पर प्रबंध समिति निलंबित की गई हैं। ग्रुप की प्रबंध समिति को निलंबित कर आईआरपी (अंतरिम समाधान पेशेवर) गठन के आदेश दिए गए हैं। आईआरपी के विरोध में चीनी मिल के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी। किसानों ने एसबीआई और पीएनबी बैंक की शाखाओं में हंगामा किया, साथ ही भुगतान की समस्या को उठाया।
सिंभावली शुगर मिल ग्रुप की हापुड़ में ब्रजनाथपुर, सिंभावली और बहराइच के चिलवरिया में शुगर मिल हैं। समय-समय पर चीनी मिलों ने विभिन्न बैंकों से ऋण लिया था। देनदारी करीब 900 करोड़ के पार पहुंच गई। पिछले कुछ सालों से देनदारी चुकाने को लेकर बैंक और चीनी मिल का वाद चल रहा था। बैंकों ने एनसीएलटी में रिट दायर की थी। बृहस्पतिवार को ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की करीब 103 करोड़ की देनदारी के मामले में सुनवाई हुई। इसमें एनसीएलटी ने सिंभावली शुगर मिल को बैंक का पैसा देने के आदेश दिए।
सिंभावली चीनी मिल के सीजीएम करण सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश में सिंभावली शुगर मिल ग्रुप की प्रबंध कमेटी को सस्पेंड किया गया है। साथ ही आईआरपी नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। आईआरपी संबंधित बैंक द्वारा नामित दो अधिकारी होंगे, जो मैनेजमेंट के स्थान पर कार्य देखेंगे।
आईआरपी के विरोध में शुक्रवार को जिले की दोनों चीनी मिल के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी। सिंभावली और ब्रजनाथपुर चीनी मिल के बाहर कर्मचारियों ने जोरदार हंगामा किया। उन्होंने कहा कि आईआरपी गठन के बाद उनकी सुनने वाला कोई नहीं होगा, उनकी नौकरी भी संकट में आ गई है। वहीं, बड़ी संख्या में किसान बुलंदशहर रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पहुंचे। किसानों ने एसबीआई और पीएनबी बैंक की शाखाओं में हंगामा किया। जिसमे भुगतान की समस्या को उठाया। एनसीएलटी में किसानों ने भी रिट दायर की थी। हालांकि बैंक के अधिकारियों ने मामला कॉर्पोरेट ऑफिस से जुड़ा होने की बात कह उनकी शिकायत अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।सिंभावली शुगर ग्रुप की ओर से चिलवरिया स्थिति चीनी मिल को बेचकर देनदारी चुकाने को लेकर बैंक से अनुमति मांगी गई थी।
सिंभावली चीनी मिल सीजीएम करण सिंह- ने बताया की सिंभावली शुगर मिल ग्रुप की प्रबंध कमेटी को निलंबित कर आईआरपी को अधिकार दिया है। चीनी मिल की ओर से देनदारी चुकाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।