जनपद हापुड़ में जिले के 32 गेहूं खरीद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है, अधिकारियों के तमाम प्रयासों के बाद भी किसान क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए नहीं आ रहे हैं। मोबाइल वैन सेवा भी खास असरदार नहीं रह।
गांवों से गेहूं जुटाने के लिए मोबाइल वैन सेवा भी शुरू की गई, इसका भी खास फायदा नहीं हुआ है। अब अधिकारियों के प्रयासों पर भी सवाल उठने लगे हैं। उधर, बाजार में गेहूं का दाम 2200 रुपये से ऊपर चल रहा है, जिस कारण किसानों को पिछले साल की तरह की इस साल भी दाम तीन हजार के आस पास जाता दिख रहा है। यही हाल रहा तो सरकार द्वारा दिए लक्ष्य के अनुरूप जिले में गेहूं की खरीद नहीं हो सकेगी।
जिले के करीब 44 हजार हेक्टेयर रकबे में गेहूं की खेती हुई थी, 20 लाख क्विंटल गेहूं उत्पादन भी हुआ। बाजार में दाम गिरने पर सरकारी केंद्रों पर बड़ी मात्रा में गेहूं पहुंचने की आशंका थी। इसी के चलते इस साल जिले में 32 खरीद केंद्र बनाए गए।
शासन से इन खरीद केंद्रों को 36 हजार एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला था। लेकिन किसान अपना गेहूं लेकर नहीं आए। आलम यह है कि खरीद को शुरू हुए 52 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ 7096 क्विंटल गेहूं ही केंद्रों तक पहुंचा है। 257 किसानों के खातों में पैसा भी भेजा गया है, जबकि रजिस्ट्रेशन 726 किसानों ने कराया है।
जिला विपणन अधिकारी समरेंद्र प्रताप सिंह- ने बताया कि जिले में बने केंद्रों पर किसानों के लिए तमाम सुविधाएं हैं, पैसा भी सीधे खाते में भेजा जा रहा है। गांवों से खरीद को लेकर मोबाइल सेवा शुरू कराई है। किसान केंद्रों पर आसानी से गेहूं की बिक्री कर सकते हैं।