जनपद हापुड़ के ब्रजघाट गंगानगरी में साइबेयिन पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। ये विदेशी मेहमान हर साल हजारों मील लंबा सफर करके यहां आते हैं। इनके आने का क्रम दिवाली के बाद से ही शुरू हो जाता है। उधर, इन रंग बिरंगे पक्षियों की एक झलक देखने के लिए हजारों लोग ब्रजघाट गंगा किनारे पहुंच रहे हैं।
गुलाबी ठंडक शुरु होने के साथ ही गंगानगरी में साइबेयिन पक्षियों का डेरा जमने लगा है। हर साल इन पक्षियों के आने का सिलसिला नवंबर में शरू होता है। गंगानगरी में ऊपर उड़ते यह पक्षी सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हैं।
सोवियत रूस का साइबेरिया क्षेत्र विश्व में सबसे ठंडा इलाका माना जाता है, जहां सर्दी के मौसम में नदी, पोखर, तालाब और झील व सभी जलाशयों पर बर्फ की मोटी परत जम जाती है। इसके चलते इन जलाशयों में रहने वाले सुरखाब, डच, चहा, मुर्गाबी, स्ट्रेन, सारस जैसे कई प्रजातीय पक्षियों को प्रतिवर्ष हजारों मील लंबी उड़ान भरकर भारत समेत उपमहाद्वीप से जुडे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ता है। मध्य नवंबर में भारत और आसपास के देशों में पहुंचने वाले ये मेहमान पक्षी होली दहन होने के बाद मौसम में बदलाव प्रारंभ होते ही वापसी की उड़ान भरने लगते हैं। इन दिनों यूरोपीय क्षेत्रों में सर्दी का प्रकोप फैला हुआ है। वहीं यह मेहमान पक्षी इन सब से दूर होकर ब्रजघाट गंगा में अठखेलियां करने में मस्त हैं।
जानकारों का कहना है कि मेहमान पक्षी बेहद चालाक और चतुर प्रवृत्ति वाले होते हैं, जो शिकारियों के हाथों मारे जाने से बचने के लिए ब्रजघाट गंगा समेत राजस्थान के भरतपुर की बर्ड सेंचुरी को सर्वाधिक महफूज स्थान मानने लगे हैं।