जनपद हापुड़ में सरकारी अस्पताल विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। एक सर्जन के सहारे सभी अस्पताल चल रहे हैं, जबकि पांच पद खाली पड़े हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से अस्पताल जूझ रहे हैं, इस अव्यवस्था से अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को लेकर जिले में जिला अस्पताल से लेकर आठ सीएचसी और 23 पीएचसी समेत 100 से अधिक उप स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं।
लेकिन अस्पतालों के भवन चिकित्सकों के इंतजार में वीरान ही पड़ रहते हैं। सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही अन्य चिकित्सकों की भारी कमी है।
ओपीडी 2000 से अधिक है, जिसके चलते यहां चिकित्सक ज्यादा समय नहीं ठहर पाते। क्योंकि मरीजों की भीड़ के चलते उन्हें बैठने तक का समय नहीं मिल पाता।
यही कारण है कि सबसे ज्यादा चिकित्सकों ने इस अस्पताल में नियुक्ति के दौरान ही विभाग का साथ छोड़ा है। आलम यह है कि 21 लाख की आबादी वाले जिले में विभाग के पास सिर्फ एक ही सर्जन है।
जबकि ऑपरेशन कराने वालों की कतारें लगी रहती हैं। मजबूरी में उन्हें प्राइवेट अस्पतालों का ही सहारा लेना पड़ रहा है। शासन भी इस ओर गंभीर नहीं है।
हाल यह है कि अधिकांश मरीजों को इन चिकित्सकों ने छोड़ा स्वास्थ्य विभाग का साथ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कनिका अग्रवाल, सर्जन डॉ. फैशल मुमताज, फिजिशियन डॉ. प्रिंसी बंसल, एमबीबीएस डॉ. पंकज चतुर्वेदी, डॉ. श्वेता सिंह, डॉ. गितिका राजा, पौथोलॉजिस्ट डॉ. ज्योत्सना सिंह ।