जनपद हापुड़ में सावन की महाशिवरात्रि में भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करने के लिए कांवड़िये हरिद्वार और गोमुख से लौटने लगे हैं। कावंड़ यात्रा एक पवित्र यात्रा मानी जाती है। कांवड़ियों का आगमन देख सेवा शिविर लगाने की तैयारियां भी जोरों पर हैं।
सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस महीने में भगवान शिव की साधना की जाती है। 15 जुलाई को महाशिवरात्रि है। इस दिन शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए पिछले कई दिनों से कांवड़िये हरिद्वार के लिए रवाना हो रहे हैं। अब जैसे ही महाशिवरात्रि नजदीक आ रही है तो कांवड़िये गंगाजल लेकर लौटने लगे हैं।
कंधे पर कांवड़ रखकर बोल बम के जयकारे लगाते हुए कांवड़िये अपने गंतव्य को जा रहे हैं। अभी राजस्थान, हाथरस सहित अन्य जिलों के कांवड़िये जिले से गुजर रहे हैं। बारिश के बाद मौसम सुहाना होने से कांवड़ियों की डगर आसान हो गई है। महाशिवरात्रि नजदीक आते-आते सड़कों पर कांवड़ियों की संख्या बढ़ने लगेगी। हर तरफ सड़कों पर कांवड़िये और बोल बम के जयकारे नजर आएँगे।
कुछ लोग लंबे समय से हर साल कांवड़ लाते हैं तो कुछ पहली बार ही कांवड़ यात्रा कर रहे हैं। कावंड़ यात्रियों के स्वागत में भंडारों का भी आयोजन किया जा रहा है। कांवड़ियों के आगमन हो देखते हुए, कांवड़ियों की सेवा के लिए कांवड़ सेवा शिविर में भी जोरों से तैयारियों चल रही हैं। बारिश के मौसम में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए वाटर प्रूफ पंडाल बनाए जा रहे हैं।
कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए पुलिस-प्रशासन ने भी कमर कस ली है। आने वाले दिनों में कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने मेरठ व बुलंदशहर रोड पर सड़क के बीच ड्रम रखकर सड़क को दो भागों में विभाजित कर दिया है। इसमें बाएं हाथ पर कांवड़िये और दाएं हाथ की तरफ छोटे वाहन चलेंगे। कावड़ियों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।