जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में सूर्य शुक्र राशि में जाने से मई और जून में विवाह का एक भी शुभ मुहूर्त नहीं है। वहीं, जुलाई में भी लगन की तिथियां महज सात दिन हैं। जिन लोगों ने बच्चों की शादी जुलाई में तय की है, वह तैयारियों में जुट गए हैं।
सूर्य के शुक्र राशि में जाने से मई और जून में एक भी शुभ मुहूर्त नहीं रहा। जुलाई में फिर से शहनाई बजेगी, लेकिन इस माह में भी लगन की तिथियां कम हैं। दिक्कत केवल बैंडबाजा, मैरेजहाल का ही नहीं है, बल्कि पुरोहितों का भी संकट है। सभी यजमानों के यहां पहुंचकर शादी करवाने का धर्मसंकट बना हुआ है। ऐसे में एक पुरोहित कई मंडपों में मंत्र पढ़ते नजर आएंगे।
इस बार शादियां के मुहूर्त कम होने के कारण पुरोहित, बैंडबाजा और विवाह मंडपों की मांग बढ़ गई है। एक तिथि पर कई शादियां होने से लोगों की दिक्कत बढ़ रही हैं। 28 अप्रैल से आरंभ हुए चतुर्मास के कारण भी मांगलिक उत्सवों पर विराम लगा है। मई और जून में एक भी वैवाहिक कार्यक्रम नहीं हुआ। जुलाई में सिर्फ सात लगन हैं। हालांकि भीषण गर्मी की वजह से दिन के समय बाजारों में चहल पहल नहीं दिख रही है। जुलाई के शुक्ल पक्ष में नौ से 15 जुलाई तक केवल सात लगन हैं। 17 जुलाई को एकादशी से फिर लगन में विराम लग जाएगा। जुलाई में लगन कम होने के कारण ज्यादातर तिथियों पर बुकिंग हो गई है।
पंडित विनोद शास्त्री ने बताया 9 और 11 जुलाई को रात दिन दोनों समय विवाह का शुभ मुहूर्त है, जबकि 13 जुलाई को दिन में और 14 को रात में शुभ मुहूर्त है। 15 जुलाई को दिन और रात दोनों समय विवाह का मुहूर्त है। उन्होंने बताया कि जुलाई 9, 11, 12, 13, 14, 15 को ही शुभ मुहूर्त है। इसके बाद नवंबर में 12,17 18, 23, 25, 27, 28 तथा दिसंबर 2, 3, 4, 6, 7, 10, 11, 14 को वैवाहिक कार्यक्रम होंगे।