जनपद हापुड़ में लगातार बढ़ते तापमान से 30 फीसदी गेहूं की फसल पर संकट छा गया है। पछैती बुवाई वाले खेतों में उत्पादन गिरने के आसार हैं।
इस साल गेहूं का रिकॉर्ड दाम रहा, बाजार में 3 हजार प्रति क्विंटल तक गेहूं की बिक्री हुई। किसानों ने करीब 44 हजार हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बुवाई की है। गन्ने के खेत देरी से खाली होने के कारण 30 फीसदी क्षेत्रफल में 10 से 26 जनवरी के बीच ही गेहूं की बुवाई हो सकी।
इन दिनों अगैती बुवाई वाली फसल में बाली बननी शुरू हो गई हैं, जबकि पछेती फसल में बाली तो दूर पौधा छह इंज का भी नहीं हो सका है। बाबूगढ़ स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अशोक ने बताया कि अगैती प्रजाति के गेहूं का जिले में उत्पादन करीब चार से पांच क्विंटल प्रति बीघा होता है।
जबकि पछेती प्रजाति का गेहूं साढ़े तीन क्विंटल तक निकल जाता है। लेकिन इन दिनों अधिकतम तापमान 31 डिग्री तक पहुंच गया है, जबकि इस समय गेहूं को अधिकतम तापमान सिर्फ 28 डिग्री तक ही चाहिए।
इस तापमान का गेहूं के दाने पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, जिसके चलते गेहूं का उत्पादन गिरने के आसार हैं। हालांकि रात में तापमान सर्द बना है, जो फसल को कुछ हद तक लाभ पहुंचा रहा है।
जिला कृषि अधिकारी-मनोज कुमार ने बताया कि लगातार बढ़ता तापमान गेहूं की फसल के लिए चिंता का सबब है। किसान खेतों में पर्याप्त नमी बनाकर रखें. जिन किसानों , ने 10 जनवरी के बाद गेहूं की बुवाई की है उन्हें अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।