हापुड़। नया शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होगा, इससे पहले ही स्कूलों ने महंगे प्रकाशकों को किताबों की सूची जारी कर दी है। कुछ स्कूल एनसीईआरटी के बजाय निजी प्रकाशकों की किताबें लगवा रहे हैं। यही नहीं इसके लिए दुकानें भी तय हैं। जिन पर मनचाहे दामों पर किताबें छात्रों को दी जा रही हैं। अभिभावक चाहकर भी दूसरी दुकानों से किताब नहीं ले पाते। कई दुकानदार इस बात का पूरा फायदा उठा रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों की जेब ढीली हो रही है। कक्षा एक का कोर्स ही 2000 से 2500 रुपये तक का मिल रहा है। जबकि स्कूल एनसीईआरटी की किताबों को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं।
निजी स्कूलों में परीक्षाओं के बाद रिजल्ट वितरण के कार्यक्रम चल रहे हैं। छात्रों को नई कक्षाओं के कोर्स लेने के निर्देश मिल गए हैं। अधिकतर स्कूलों ने अभिभावकों को रिजल्ट के साथ किताबों की रेट लिस्ट भी थमा दी है। कोर्स कहां से लेना है, इस बारे में भी अभिभावकों को बता दिया गया है। बहुत से स्कूल निजी प्रकाशनों के कोर्स ही छात्रों को दिला रहे हैं। जबकि इनकी कीमत एनसीईआरटी के कोर्स से दो से चार गुना तक महंगी है। 2025-2026 का नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही स्कूलों की निजी प्रकाशन की पुस्तकों की दुकानों पर खरीदारी बढ़ गई है।
कक्षा एक का कोर्स भी दो हजार से 2500 हजार तक मिल रहा है। जबकि एनसीईआरटी के नौवीं का कोर्स 1200 से 1500 रुपये में ही मिल रहा है। बाजार में ब्रांडेड कंपनियों की कॉपी के दाम पेजों के अनुसार बढ़े हैं, बाजार में 60 से 200 पेज तक की कॉपियां उपलब्ध हैं। इसके साथ पैंसिल, रबर, रजिस्टर व अन्य स्टेशनरी ही के दाम भी अलग अलग हैं। स्टेशनरी के दाम पिछले साल से कुछ कम हुए हैं, विक्रेताओं की मानें तो पिछले साल दाम बहुत अधिक बढ़ा दिए गए थे, जिस कारण डिमांड कम हुई। इस बार दाम पिछले साल से कम ही रखे गए हैं।
नए सत्र की प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, बहुत से स्कूल एडमिशन फ्री का प्रचार कर रहे हैं। जबकि बहुत से नामचीन स्कूल अपने यहां कक्षा एक व छठी में ही प्रवेश ले रहे हैं। जो स्कूल कक्षा छह से 12वीं तक के हैं, ऐसे नामचीन स्कूल छठी के अलावा अन्य दूसरी कक्षाओं में दाखिला नहीं ले रहे।
डीआईओएस डॉ. विनीता- ने बताया की स्कूल किताब, स्टेशनरी के लिए स्कूलों को बाध्य न करें। एनसीईआरटी का कोर्स ही छात्रों को लेने दें। इस तरह की शिकायत मिलने पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।