जनपद हापुड़ में सौभाग्य योजना में उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति का आंकलन किए बगैर ही कनेक्शन बांटना अधिकारियों का सिर दर्द बन गया है। इस योजना में शामिल 7759 उपभोक्ताओं ने एक बार भी बिल जमा नहीं किया है, नॉन सौभाग्य वाले 5748 उपभोक्ता भी बिल काउंटर तक नहीं पहुंचे।
इन उपभोक्ताओं पर करोड़ों का बकाया है, शासन ने मामले का संज्ञान लेकर, तीनों डिवीजन के अधिशासी अभियंताओं को वसूली का लक्ष्य दिया है। चार साल पहले सौभाग्य योजना योजना लागू की गई थी, इसमें हर घर कनेक्शन अभियान चलाकर लोगों को कनेक्शन बांटे गए।
लेकिन जल्दबाजी के चक्कर में इसमें अनियमितताएं भी काफी हुई। 7759 उपभोक्ता ऐसे योजना में शामिल हो गए, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बिजली जलाने के बावजूद ऐसे उपभोक्ता आज तक भी बिल जमा नहीं कर पाए हैं।
कनेक्शन लेने के बाद से चार बार ओटीएस चलाकर इनकी पेनल्टी माफ करने का अवसर भी दिया गया है। लेकिन ऐसे उपभोक्ता एक बार भी अपना बिल जमा नहीं कर पाए हैं। तीनों डिवीजन में पिलखुवा डिवीजन के अंदर सबसे अधिक 4473 उपभोक्ता हैं, जिन्होंने अभी तक बिल जमा नहीं किया है। समीक्षा में अधिकारियों को फटकार भी लगी है, तीनों डिवीजन को सौभाग्य, नॉन सौभाग्य, एलएमवी-5 वाले व अन्य उपभोक्ताओं को चिन्हित कर, वसूली के आदेश दिए गए हैं।
जिले के तीनों डिवीजन में लाइनलॉस बीते तिमाही में बढ़ा है। इंसूलेटिड वॉयर के बाद भी चोरी नहीं थम रही है, ऐसे में शासन ने अब तीनों ही डिवीजन के अधिकारियों को लाइनलॉस कम करने के आदेश दिए हैं।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह— ने बताया की राजस्व वसूली को लेकर अभियान चलाया जा रहा है, नेवर पेड की सूची में आने वाले उपभोक्ताओं से वसूली हो रही है। एक ही नंबर पर मिले दो कनेक्शनों की भी जांच जारी है।