हापुड़ नवीन कृषि मंडी में धान बेचने आए किसानों से दो फीसदी आढ़त वसूली गई। धान का दाम 3561 रुपये क्विंटल बताकर किसानों को 3451 की दर से भुगतान किया गया। धान व्यापारियों द्वारा किसानों से आढत वसूलने, 6- आर न देने, अधिक तौलने व धान का उचित मूल्य न देने पर शुक्रवार को किसान भड़क उठे और किसानों ने कृषि उत्पादन मंडी समिति के दफ्तर पर जमकर प्रदर्शन किया और नारे बाजी की।
भाकियू के जिलाध्यक्ष पवन हूण ने कहा कि किसानों की समस्या पर शुक्रवार को मंडी आए। शासन का आदेश है कि किसानों ने कोई आढ़त शुल्क न वसूला जाए। लेकिन अधिकारियों के संरक्षण में कच्ची पर्चियों पर यहां दो फीसदी तक आढ़त वसूली जा रही है। किसानों को 6आर फार्म भी नहीं दिया जा रहा था।
किसनों ने बताया कि धान की खरीद 3451 रुपये क्विंटल हो रही है, जबकि दूसरी मंडी में दाम अधिक है। भाकियू जिलाध्यक्ष ने मंडी इंस्पेक्टर से रेट पूछा तो उन्होंने बताया कि शुक्रवार को भाव 3561 रुपये खुला है, जबकि आढ़ती किसानों को भुगतान 3451 की दर से कर रहे थे। इतना ही नहीं एक बोरी में किसान को 60 किलो के पैसे दिए जा रहे हैं। जबकि किसान से 61.300 किलो धान लिया जा रहा था।
मंडी में स्थित धर्म काटा भी खराब था, ऐसे में किसानों को तौल में भी बट्टा लगाया जा रहा था। भाकियू जिलाध्यक्ष पवन हूण ने इन समस्याओं पर कार्यकर्ताओं को मंडी बुला लिया। इसके विरोध में किसानों ने मंडी परिसर में हंगामा कर, धान की खरीद बंद करा दी। मंडी समिति की सचिव का किसानों ने घेराव किया। मंडी समिति की सचिव को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। इस पर सचिव ने किसानों को समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया।
किसानों ने दो दिन के अंदर आढ़त के नाम पर लिया पैसा वापस कराने की मांग उठाई है। इसमें राहत नहीं मिलने पर दो दिन बाद धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इस मौके पर राधेलाल त्यागी, राजेंद्र डागर, रवि भाटी, सुधाकर त्यागी, मोनू त्यागी, राजकुमार भाटी, सत्येंद्र हूण, दिल्लू त्यागी आदि लोग मौजूद रहे।