हापुड़ में रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) से हापुड़ के ऊर्जीकरण में संसाधनों पर सवाल उठ रहे हैं। इस कार्य में महत्वपूर्ण डॉग कंडेक्टर का प्रति मीटर वजन 640 ग्राम तक कम निकल रहा है। ड्रम में भी तार करीब 292 मीटर कम आ रहा है। जिस तरह सामग्री में अनियमितताएं मिल रही हैं, वह बड़ा सवाल भी है।
जिले में दशकों पुरानी लाइनों को बदलने का कार्य रिवैंप योजना में हो रहा है। जिस कंपनी को कार्य करने की निविदा मिली है। वह हापुड़ में गाजियाबाद की एक अन्य कंपनी से काम करा रही है। हालांकि कार्य की गुणवत्ता जांचने के लिए निगम की ओर से थर्ड पार्टी को जिम्मेदारी दी गई है लेकिन, जिस तरह सामग्री में अनियमितताएं मिल रही हैं। संबंधित कंपनी के हापुड़ स्थित स्टोर की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
योजना संबंधी एक स्टोर हापुड़ में भी है, 16 जुलाई को पांच फर्म समेत स्टोर इंचार्ज की निगरानी में एसीएसआर डॉग का भौतिक सत्यापन किया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार दस मीटर के डोग कंडेक्टर में सिर्फ 330 किलोग्राम वजन पाया गया, जबकि मानक के अनुसार 394 किलोग्राम होना चाहिए था। इस तरह के संसाधन भविष्य में बिजली व्यवस्था पर फिर धब्बा बनेंगे।