हापुड़ जिले में विद्युतीकरण पर रिवैंप, बिजनेस प्लान योजना के तहत जर्जर तार और खंभे बदने के लिए करीब 240 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन इसमें बरती जा रही अनियमितता हादसे का कारण बन सकती है। नगर के कई मोहल्लों में पुराने व जर्जर खंभों पर ही लाइन खींच दी गई है। जिसके कारण नई लाइनों का भार खंभे नहीं झेल पा रहे है। कई स्थानों पर खंभे झुक गए हैं।
ऊर्जा निगम के पुराने संसाधनों को नया करने के लिए जिले में रिवैंप और बिजनेस प्लान योजना लागू है। दोनों ही योजनाएं 240 करोड़ से अधिक रुपये की हैं। इनमें जर्जर तार, खंभों को बदला जाना है। साथ ही नए ट्रांसफार्मर और बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि भी प्रस्तावित हैं। शहर के अधिकांश मोहल्लों में तार डालने का कार्य 50 फीसदी से अधिक कर लिया गया है।
कई मोहल्लों में पुराने व जर्जर खंभों पर ही लाइन खींच दी गई, जिस कारण कई स्थानों पर खंभे झुक गए हैं, जो लोगों की जान पर खतरा हैं। तारों की गुणवत्ता पर भी पहले ही सवाल उठ रहे हैं।
कागजों में सब कुछ ठीक है, लेकिन मौके पर स्थिति बेहद बदतर है। नई लाइनों में आए दिन फाल्ट हो रहे हैं, साथ ही खंभे भी मानक के अनुसार नहीं गाड़े गए हैं। आए दिन किसी न किसी मोहल्ले में खंभे गिर जाते हैं। पिछले दिनों रेलवे रोड के एक मोहल्ले में पांच खंभे घरों के ऊपर गिरे थे।
अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल- ने बताया की जिले में जर्जर तार और खंभों को बदलने का कार्य चल रहा है। जिन स्थानों पर खंभे जर्जर या टेढ़ें हैं इनका निरीक्षण कर आवश्यक सुधार कराएंगे। संसाधनों की गुणवत्ता से समझौता नहीं होने देंगे।