हापुड़ में नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला विवेक विहार निवासी सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़कर शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफे का झांसा देकर साइबर ठगों ने 1.75 करोड़ रुपये ठग लिए। घटना के बाद से परिवार सदमे में है। पुत्र की तहरीर पर थाना साइबर क्राइम पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस नंबरों के आधार पर ठगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
साइबर अपराधियों ने शेयर बाजार के नाम पर ठगी का नया तरीका अपनाया है ग्राहकों को लुभाने के लिए कॉल सेंटर में युवतियां रखी जाती हैं और फर्जी शेयर बाजार विशेषज्ञों के वाट्सएप ग्रुप बनाए जाते हैं। ऐसा ही एक ठगी का मामला सामने आया है।
मोहित अग्रवाल ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उनके पिता अशोक कुमार अग्रवाल सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक हैं। उनके पिता अपनी जमा पूंजी से नियमित आय प्राप्त करने के लिए कुछ धनराशि निवेश करना चाहते थे। कुछ दिन पहले वे जाल से नीचे गिर गए थे। जिससे उनकी रीड की हड्डी और दोनों पैरों में गंभीर चोट आई थीं। वह पिछले काफी दिनों से बेड रेस्ट पर थे।
इस दौरान उनके पिता एक एफटीएमएम व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ गए थे। ग्रुप में जुड़ी एक महिला मीरा दत्त ने व्हाट्सएप कॉल कर ग्रुप को सेबी से पंजीकृत बताते हुए शेयर मार्केट में निवेश कर अच्छे मुनाफे का झांसा दिया। 17 अक्टूबर को व्हाटसएप काॅल द्वारा सर्विस मैनेजर ने उनके मोबाईल नम्बर पर लिंक भेजा। आरोपियों की बातों पर विश्वास करते हुए पीड़ित के पिता ने 17 अक्टूबर से 13 नवंबर तक एक करोड पिछत्तर लाख रूपये जमा किया। इसी मध्य में 30 अक्टूबर को उन्होंने एक लाख रुपये और 5 नवंबर को दो लाख रुपये विड्राल के लिए रिक्वेस्ट की तो अगर अलग खातों से पैसे आ गए। इससे उन्हें ग्रुप के प्रति विश्वास और पुख्ता हुआ। मीरा दत्त ने पीड़ित के पिता को बताया कि उनके ग्रुप के माध्यम से एक नए आईपीओ में इन्वेस्ट करने पर एप्लीकेशन पर रूपया नहीं लगाना पडेगा, बल्कि एलाटमेन्ट के बाद रूपया देना होगा। इसी बीच आरोपियों ने पहले ग्रुप को डिलिट कर दूसरा ग्रुप बना दिया। जिस पर उनके पिता को संदेह हुआ।
आरोपी मीरा दत्त ने उन्हें समझाते हुए नए ग्रुप से जोड़ दिया। आरोपी ने कहा कि नए ग्रुप में उनकी फंड वैल्यू कम है इसलिए और रुपये जमा करना पड़ेगा। पिता ने रुपये वापस मांगा तो आरोपी ने उनका फंड ब्लाॅक कर दिया। मैसेज के माध्यम से रुपयों की मांग की जा रही है। उसके पिता की फंड वैल्यू एप्लीकेशन पर 10.79 करोड़ रुपये दर्शाया जा रहा है। तब जाकर पता चला कि वह साइबर क्राइम के शिकार हो गए और धोखेबाजो की चुंगल में आकर अपनी व अपने बच्चो की समस्त जमा पूंजी गंवा चुके है।