हापुड़ जिले में स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं बदहाल हैं। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले की 13 लाख आबादी मात्र दो अल्ट्रासाउंड मशीन के सहारे हैं। जिला अस्पताल में भी कुछ दिन पहले ही मशीन चालू कराई गई है, अन्यथा हालात और भी बदतर थे। स्थिति यह है कि अधिक मरीज होने पर वेटिंग 15 दिन तक पहुंच जाती है। अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे है।
हापुड़ को जिला बने हुए करीब 13 साल बीत चुके हैं। लेकिन, आज भी यहां स्वास्थ्य सेवाएं पुराने ढर्रे पर चली आ रही हैं। फिलहाल जिले में दो अल्ट्रासाउंड मशीन जिला अस्पताल और हापुड़ के गढ़ रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध हैं। जिले में मात्र दो मशीन होने के कारण यहां पर मरीजों का दबाव अधिक रहता है। जिसके कारण मरीजों का कई-कई दिनों में अल्ट्रासाउंड कराने का नंबर आ पाता है। मरीजों का समय से अल्ट्रासाउंड न होने से उन्हें इलाज मिलने में देरी हो रही है।
जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी कोई खास चिंता नहीं है। इसका खामियाजा जिले के गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जाकर महंगी जांच करानी पड़ रही है। वहीं, अल्ट्रासाउंड मशीन पर अधिक दबाव होने के कारण जब उनका नंबर नहीं आता है तो अस्पताल में सीटी स्कैन कराने के लिए आवेदन करते हैं। ऐसे में इस मशीन पर भी लोड काफी बढ़ गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार त्यागी- ने बताया की जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और मशीनों के लिए लगातार विभाग की ओर से पत्राचार किया जा रहा है। पहले से सेवाओं में सुधार हुआ है। जल्द ही सभी कमियों को दुरुस्त कर लिया जाएगा।