जनपद हापुड़ में जिला अस्पताल की चर्म रोग विशेषज्ञ ने इस्तीफा दे दिया है। जिले में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा रहीं है इनके जाने से जिले के समस्त सरकारी अस्पतालों में चर्म रोग का इलाज भी बंद हो गया, क्योंकि यहां एक ही पोस्ट थी। एक साल में चार चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग का साथ छोड़ दिया वहीं एक का ट्रांसफर हो गया ।
स्वास्थ्य विभाग विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। क्योंकि इन चिकित्सकों का सरकारी सुविधाओं से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों में सेवाएं रास आ रही हैं। हर साल विशेषज्ञ चिकित्सक इस्तीफा देकर जा रहे हैं। हाल ही में जिला अस्पताल में नियुक्त चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. सौम्या गोयल ने भी इस्तीफा दे दिया है।
बता दें कि जिले में चर्म रोग विशेषज्ञ की एक ही पोस्ट है, ऐसे में डॉ. सौम्या गोयल के जाने से मरीजों के लिए मुश्किल हो रहा है। सामान्य एलर्जी की दवाएं तो एमबीबीएस डॉक्टर भी दे देते हैं, लेकिन गंभीर एलर्जी पर मरीज को रेफर करना ही एक मात्र विकल्प है। इसके अलावा गढ़ रोड सीएचसी में जनरल सर्जन डॉ. फैजल मुमताज भी इस्तीफा दे चुके हैं।
अब जिले में सिर्फ एक ही सर्जन है, जिनके सहारे 13 लाख की आबादी है। वहीं, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कनिका अग्रवाल ने भी इस्तीफा दिया है। एमबीबीएस डॉ.पंकज चतुर्वेदी भी स्वास्थ्य विभाग का साथ छोड़कर चले गए हैं। एक साल में चार चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग का साथ छोड़ दिया वहीं एक का ट्रांसफर हो गया ।
फिजिशियन डॉ. प्रिंसी बंसल ने चार्ज तक नहीं लिया। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के बिना जिले में किस तरह स्वास्थ्य सेवाएं चल रही हैं। चिकित्सकों की कमी होने के कारण मजबूर मरीजों को जेब ढीली करके प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी ने बताया की अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी के संबंध में शासन को पत्र लिखा है। अस्पताल आने वाले हर मरीज को इलाज दिलाया जा रहा है। संसाधन भी पूरे किए जा रहे हैं।