हापुड़ में दानेदार और तरल नैनो डीएपी, यूरिया के असर को लेकर किसानों में मतभेद अब दूर होगा। बाबूगढ़ स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में नैनो डीएपी के असर पर शोध शुरू हो गया है। एक एकड़ गेहूं की फसल पर वैज्ञानिकों ने प्रयोग शुरू किया है। यह रिपोर्ट प्रदेशभर के किसानों में विश्वास जगाने का कार्य करेगी।
सहकारी समिति और नकद केंद्रों पर किसानों को तरल उर्वरक (नैनो) दिए गए, लेकिन किसानों ने इन उर्वरकों के असर को लेकर असंतुष्टि जतायी। आंकड़ों पर गौर करें तो दानेदार उर्वरकों की कमी के बीच नैनो डीएपी खूब बिका है। किसान अभी भी स्वेच्छा से नैनो उर्वरकों को पसंद नहीं कर रहे हैं।
इन उर्वरकों के असर की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए शासन ने कृषि विज्ञान केंद्र को नैनो डीएपी का परीक्षण का आदेश दिया है। एक एकड़ गेहूं की फसल पर वैज्ञानिकों ने इस उर्वरक का प्रयोग किया गया है। बीज शोधन का चरण पूरा हो गया है। दो चरण अभी बाकी हैं, फसल तैयार होने पर असर का सही अध्ययन हो सकेगा।
मृदा वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डॉ. अशोक कुमार- ने बताया की एक एकड़ गेहूं की फसल पर नैनो डीएपी के असर को लेकर शोध किया जा रहा है। बीज शोधन का चरण पूरा हो चुका है, दो बार स्प्रे और होना है। फसल तैयार होने पर असर का सही अध्ययन हो सकेगा।