हापुड़ जिले में छापेमारी के दौरान औषधि विभाग अक्सर दवाओं के नमूने लेता रहा है। पिछले दो साल में जिले से लिए गए 43 दवाओं के नमूनों में से तीन की रिपोर्ट फेल हुई है। हालांकि अधिकतर दवाओं के नमूनों की रिपोर्ट लैब में अटकी है। वादों के निस्तारण में भी समय लगने के कारण नकली दवाओं का कारोबार फलफूल रहा है। कार्यवाही में लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
पिछले दो वर्षों में औषधि विभाग की ओर से दवाओं के मामले में काफी सतर्कता बरती गई है। मेरठ रोड स्थित एक ट्रांसपोर्टर के यहां से कोर्डिन सीरप की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। इसके बाद दवाओं के कई वितरकों पर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की गई, इस मामले में करीब 30 लोगों के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही की थी।
पिछले दो साल की बात करें तो औषधि विभाग की ओर से 43 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। जिनमें से तीन नमूने जांच में फेल हुए हैं। इसके अलावा 11 अधोमानक और पांच नमूने मिथ्याछाप पाए गए हैं। जबकि अधिकतर की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है।
औषधि निरीक्षक उर्मिला अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ लैब में जिले से भेजे गए नमूने की जांच रिपोर्ट अभी भी रूकी हुई हैं। जिनकी रिपोर्ट सही नहीं आई है, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं।