जनपद हापुड़ में प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर में बैक उत्तीर्ण किए बगैर भी अब पांचवें और छठे सेमेस्टर में प्रवेश लिया जा सकेगा। सीसीएसयू ने पूर्व के आदेश में बदलाव कर, छात्रों को बड़ी राहत दी है। अब तीन सालों में आने वाली बैक को क्लियर करने के लिए छात्रों को नौ साल का समय मिलेगा, जो पहले छह साल था।
नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद से शिक्षा व्यवस्था में बहुत से बदलाव किए गए हैं। इस नीति के लागू होने के बाद से बहुत सी अव्यवस्थाओं से छात्र परेशान थे। इसमें सबसे अधिक परेशानी का सबब सेमेस्टर में बैक को उत्तीर्ण करना था। परीक्षाएं लगातार होती जा रही थीं, लेकिन परिणाम में देरी हो रही थी। इस अव्यवस्था से कॉलेजों में छात्र परंपरागत कोर्स से दूरी बनाने लगे। अब एक सेमेस्टर में फेल छात्र अगले सेमेस्टर में प्रवेश ले सकेगा। छात्र इस स्थिति में बैक परीक्षा के लिए मान्य होगा।
सीसीएसयू ने छात्रों की समस्याओं का निस्तारण कराते हुए इसमें संशोधन किया है। इसमें बताया गया कि पंचम और प्रथम सेमेस्टर तथा छठे और द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं एक ही तिथि एवं समय पर आयोजित होती हैं। इसलिए पंचम सेमेस्टर एवं छठे सेमेस्टर की परीक्षा में सम्मिलित हो रहे परीक्षार्थियों को क्रमश प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर परीक्षा के बैक पेपर में सम्मिलित होने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।
ऐसे छात्र जो पंचम एवं छठे सेमेस्टर तक भी प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर की कुछ परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण रह जाते हैं उन्हें छठा सेमेस्टर पूर्ण कर लेने के बाद ही प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर की बैक पेपर परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति मिलेगी।
वहीं, सीसीएसयू के इस बदलाव से ग्रेडिंग सिस्टम भी लागू किया गया है। 91 से 100 फीसदी अंक पाने वाले छात्रों को 10 ग्रेड प्वाइंट, 81 से 90 फीसदी अंक पाने वालों को 9 ग्रेड, 71 से 80 फीसदी अंक पाने वालों को 8 ग्रेड प्वाइंट, 61 से 70 फीसदी अंक पाने वालों को 7 ग्रेड प्वाइंट मिलेंगे।
प्राचार्य सीटीसी डिग्री कॉलेज डॉ. केके शर्मा- ने बताया की बैक परीक्षा के नियमों में हुए बदलाव छात्रों को राहत दिलाएंगे। छात्रों के लिए यह बड़ी समस्या थी, जो अब हल हो गयी है। छठे सेमेस्टर के बाद भी प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर की बैक परीक्षा दी जा सकेगी।