हापुड़। कोरोना काल में गरीबों के लिए मुफ्त राशन वितरण का प्रावधान शुरू किया गया जो बदस्तूर जारी है। लेकिन इस योजना का लाभ जरूरतमंदों को मिलता कैसे, जब इस पर जिले में कई साल से गरीबों का राशन अपात्र खा रहे थे। अपात्र होते हुए भी इन्होंने गरीब होने के दस्तावेज तैयार कराए और राशन लेते गए। जिला आपूर्ति विभाग ने सत्यापन में ऐसे 5430 अपात्र परिवारों को चिन्हित किया है। इन्हें नोटिस देने के बाद वसूली की कार्यवाही की जाएगी।
पिछले दिनों आयकर विभाग ने एक सूची खाद्य पूर्ति विभाग को सौंपी थी, जिसमें 5438 कार्डधारकों के नाम शामिल थे। यह लोग आयकरदाता होने के बाद भी राशन प्राप्त कर रहे थे। जांच में 5430 कार्डधारक अपात्र मिले हैं। जबकि, मात्र आठ पात्र मिले। इन अपात्रों का राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है। अब विभाग ने नए तरीके से जांच शुरू की है।
यह लोग कब से आयकरदाता हैं और कब से राशन प्राप्त कर रहे थे। जांच के बाद अपात्रों को नोटिस देकर इनसे वसूली की जाएगी। मामले में जिला पूर्ति अधिकारी डॉ सीमा सिंह का कहना है कि आयकर सूची में शामिल अपात्र कार्ड धारकों का राशन काटा जा चुका है। इसकी जांच कराई जा रही है कि यह लोग कब से अपात्र होते हुए ही राशन ले रहे थे। इन्हें नोटिस देकर वसूली भी की जाएगी।
सरकारी राशन की दर तय की जाएगी। इसके बाद जितने समय तक राशन प्राप्त किया था। तब तक की जानकारी लेकर उसके हिसाब से नोटिस तैयार होगा। जिससे कि सरकार को हुए नुकसान की भरपाई हो सके।