हापुड़ में बदलते मौसम में वायरल के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इस बार बुखार का स्वरूप बदला हुआ है। जिसमें चिकनगुनिया जैसे शरीर-मांसपेशियों में दर्द हो रहा है। ऐसा चिकनगुनिया में होता था। गले में खराश, हल्की खांसी कई दिनों तक रहती है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में शुक्रवार को 3800 से ज्यादा मरीज आए।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और वायरल का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। बीते 10-15 दिनों से वायरल के मरीजों की संख्या डेढ़ गुना बढ़ी है। शुक्रवार को 1200 से ज्यादा मरीज आए। वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की ओपीडी में भीड़ उमड़ रही है। दवा विभाग में 304 मरीज वायरल के रहे। इस बार वायरल बुखार का स्वरूप बदला मिल रहा है।
इनको चिकनगुनिया जैसे लक्षण है। बुखार अधिक नहीं था, लेकिन हाथ-पैर, कमर, गर्दन, पीठ और मांसपेशियों में दर्द अधिक बताया। राहत की बात है कि समय पर दवाएं शुरू कराने में 3-5 दिन में ठीक हो रहा है। खांसी और खराश कई दिनों तक परेशान कर रही है। अगर बुखार आ रहा है और दर्द है, लेकिन जुकाम-खांसी नहीं है तो डेंगू का खतरा है, ऐसे में इसकी जांच जरूर करवा लें।
सीएचसी के अधीक्षक ने बताया कि ओपीडी में करीब 1300 मरीज आए। संबसे ज्यादा बुखार-खांसी, गले में खराश के रहे। इन्होंने सिर दर्द, मांसपेशियों में भी दर्द की परेशानी बताई।