हापुड़ में रमजान माह के पहले दिन जहां अकीदतमंदों ने रोजा रखा, वहीं जुमे की नमाज सभी मस्जिदों में संपन्न हुई। नमाज के बाद लोगों ने देश में अमन-चैन की दुआ मांगी। मस्जिदों के बाहर सुरक्षा और सफाई व्यवस्था भी चाक चौबंद रही।
रमजान माह के पहले जुमे को लेकर मस्जिदों में सुबह से ही तैयारियां शुरू हो गई थीं। मस्जिदों में साफ-सफाई हुई और अजान होने के बाद से ही से नमाजियों की भीड़ पहुंचनी शुरू हो गई। लोगों को मस्जिदों में दीन की बातें सुनाई गईं। घरों और मस्जिदों में भी कुरान-ए-करीम की तिलवात हुई।
जुमे की नमाज को लेकर लोगों में अलग ही उत्साह देखने को मिला। बच्चे भी मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए पहुंचे। नगर की सराय मस्जिद, कोटला सादात, पुराना बाजार स्थित मरकज, रफीकनगर, मोती कालोनी, सिकंदर गेट, मजीदपुरा कचहरी रोड स्थित मस्जिद व बुलंदशहर रोड की सभी मस्जिदों में शांतिपूर्वक जुमे की नमाज अदा की गई।
सराय बसारत अली मस्जिद में मुफ्ती खालिद कासमी ने जुमे की नमाज से पहले बयान करते हुए कहा कि रमजान अल्लाह का सबसे पसंदीदा माह है। इसे अल्लाह की रहमत और बरकत का महीना माना जाता है और हम लोग पाबंदियों के साथ पांचों वक्त की नमाज अदा करें। रमजान के महीने में रोजा रखना हर मुसलमान का फर्ज बताया गया है। रोजा और जकात इस्लाम की बुनियादी चीजों में से है। रोजा रखने से बुराइयों से बचकर बंदा नेक कामों की राह पर चलता है। इस महीने में हर नेकी का सवाब बढ़ा दिया जाता है। अगर इस महीने में रोजा रखकर इबादत की जाए तो रोजे की बरकत से बंदे की नेकियों में इजाफा होता और उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। साथ ही गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सदका, जकात, खैरात करें।
रमजान के पहले जुमे में मस्जिदों के बाहर और रास्तों पर नगर पालिका द्वारा सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई गई। मोहल्ला रफीकनगर में सभासद मुकेश कुमार ने बिलाल मस्जिद, जुबैदा मस्जिद, रहमत मस्जिद, आयशा मस्जिद, सलमान मस्जिद के बाहर पुष्प बिछाकर नमाजियों का स्वागत किया।