हापुड़ में रमजान माह में देर रात तक बाजार गुलजार रहते हैं। सहरी और इफ्तार के लिए जरूरी सामान खरीदने के लिए लोगों की भीड़ रहती है। खासतौर पर खजूर की मांग बढ़ गई है। जिसमें कलमी, ईरानी, अजवा और कीमिया खजूर रोजा इफ्तार में मिठास घोल रहा है।
रमजान का महीना शुरू हो चुका है। दुनिया भर में मुस्लमान इस पवित्र महीने में 30 दिनों तक रोजा रखते हैं। इस्लाम धर्म में रमजान महीने का अपना ही एक अलग महत्व है। दिन भर रोजा रखने के बाद शाम को रोजा खोलते हैं, जिसे इफ्तार कहा जाता है और इस दौरान खजूर भी खाए जाते हैं।
रमजान के महीने में इफ्तार के समय सबसे पहले खजूर खाने की परंपरा पैगंबर मुहम्मद से संबंधित है। रमजान में खजूर की खास अहमियत होती है, क्योंकि रोजा खोलने के लिए इसे सबसे बेहतर और पारंपरिक माना जाता है। इसी कारण बाजार में खजूर की कई किस्में देखने को मिल रही हैं। ग्राहक अपनी पसंद और बजट के हिसाब से इन्हें खरीद रहे हैं।
कलमी, अजवा, ईरानी, जुमरा, कीमिया खजूर की मांग अधिक है। नगर के बुलंदशहर रोड, पुराना बाजार, सिकंदर गेट, तहसील चौपला के साथ अन्य बाजारों में खजूर की दुकानें सज गई है। फल विक्रेताओं के पास भी खजूर उपलब्ध है। दुकानों के साथ मल्टी स्टोरों में भी खजूर की विभिन्न वैराइटी उपलब्ध कराई गई है।
बुलंदशहर रोड पर दुकानदार आसमोहम्मद ने बताया कि रमजान माह में खजूर की बिक्री में इजाफा हुआ है। कलमी खजूर 800 रुपये, अजवा खजूर 1200 रुपये, कीमिया 300 रुपये, ईरानी 120 रुपये, जुमरा 400 रुपये प्रतिकिलोग्राम की दर से उपलब्ध है। लोग अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदारी कर रहे हैं।