हापुड़ गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण रफ्तार पकड़ रहा था। लेकिन बरसात ने इसके निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। खासकर जलस्तर बढ़ने के कारण अब गंगा पुल का निर्माण भी रुक गया है। जुलाई से गंगा के पुल का निर्माण बंद पड़ा है। अब बारिश खत्म होने के बाद ही पुल का निर्माण शुरू हो पाएगा।
मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण जोरों पर है। मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर डांडू गांव तक बनने वाला प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। गंगा एक्सप्रेसवे में हापुड़ के 29 गांवों को शामिल किया गया है। जिले में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ सबसे महत्वपूर्ण हिस्से गंगा के पुल के निर्माण पर जोर है। कार्यदायी संस्था एलएनटी के विशेषज्ञ इंजीनियर्स की टीम ने गंगा के घाटों का दौरा कर आधुनिक तरीके से डिजाइन तैयार किया था। इस पुल का छह लेन का निर्माण हो रहा है।
अभी तक इसका निर्माण करीब 50 प्रतिशत हो चुका है। लेकिन बरसात के कारण गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे गंगा पुल के ऊपर चल रहा निर्माण सुरक्षा कारणों से रोक दिया गया है। जलस्तर बढ़ने के कारण जुलाई से कार्य बंद है। हालांकि कार्यदायी संस्था का दावा है कि सही समय पर पुल का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों के कारण कुछ देरी जरूर हो सकती है। जबकि अधिकारियों की मंशा है कि कुंभ से पहले एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा कर लिया जाए।
आईआरबी इंफ्रा सीजीएम अनूप सिंह- ने बताया की बरसात में गंगा का जलस्तर अधिक बढ़ जाता है, जिसके कारण गंगा के पुल के ऊपर निर्माण संभव नहीं है। ऐसे में जलस्तर के गिरने के बाद ही निर्माण शुरू कराया जाएगा। हालांकि अन्य स्थानों पर निर्माण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।