हापुड़ में ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई) के बिजली के खंभों को बंदरों से सुरक्षित रखने के लिए रेलवे बेलनाकार सुरक्षा कवच लगाएगा। मंडल में मुरादाबाद-गाजियाबाद रेलवे लाइन पर कवच लगाने की शुरुआत हो गई है। अब तक करीब 300 सुरक्षा कवच लगाए जा चुके हैं। हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर के साथ अन्य मंकी जोन के रेलवे स्टेशनों पर भी ये सुरक्षा कवच लगेंगे। इससे रेलवे की विद्युत लाइन सुरक्षित रहेगी और निर्बाध ट्रेनों का संचालन हो सकेगा।
हापुड़ शहर में बंदरों का आतंक किसी से छिपा नहीं है। रेलवे स्टेशन हो या फिर उसके बाहर। हर जगह बंदर झुंड में नजर आ जाएंगे। कई बार यह बंदर रेलवे के लिए परेशानी का सबब भी बन जाते हैं। जिले के हापुड़, कुचेसर चौपला, गढ़मुक्तेश्वर, हाफिजपुर रेलवे स्टेशन को मंकी जोन घोषित किया गया है। यहां बंदरों का आतंक अधिक होने से रेल यात्रियों के साथ ही रेलवे प्रशासन को भी परेशानी उठानी पड़ती है। बंदर रेलवे लाइन किनारे खड़े विद्युत खंभों पर चढ़कर उत्पात मचाते हैं। कई बार ओएचई व अन्य उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर चुके हैं, जिससे ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित होता है।
विद्युत लाइन की सुरक्षा के लिए खंभों पर करीब डेढ़ मीटर ऊंचाई का बेलनाकार सुरक्षा कवच लगा रहा है, जो बंदरों को ओएचई तक पहुंचने से रोकेगी। एक कवच की कीमत सात से आठ हजार रुपये की बीच है। सुरक्षा कवच लगने के बाद बंदर ओएचई व अन्य उपकरणों को नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे।
मुरादाबाद रेल मंडल के रुडक़ी, मुरादाबाद, हापुड़, अमरोहा, गाजियाबाद सहित रेलवे लाइनों के किनारे विद्युत खंभों पर करीब छह हजार सुरक्षा कवच लगाए जाएंगे। मुरादाबाद-गाजियाबाद रेलखंड में इन्हें लगाने की शुरुआत हो चुकी है। हापुड़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो और तीन पर विद्युत खंभों पर सुरक्षा कवच लगाया जा चुका है।
मुरादाबाद मंडल सीनियर डीएसीएम आदित्य गुप्ता- ने बताया की बिजली के खंभों पर सुरक्षा कवच लगने के बाद बंदर खंभे पर नहीं चढ़ सकेंगे और ओएचई असेंबली तक नहीं पहुंच पाएंगे। मुरादाबाद मंडल क्षेत्र में छह हजार सुरक्षा कवच लगने हैं। इससे बंदरों की जान बचेगी और तार टूटने की भी संभावना कम होगी।