एटीएस ने पिलखुवा से तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार, ₹3.90 लाख की नकली करेंसी बरामद
हापुड़/पिलखुवा। रेलवे में कार्यरत एक कर्मचारी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाली नोटों की आपूर्ति की। पिलखुवा के जिंदल नगर स्थित किराए के मकान में यह गिरोह लंबे समय से नकली मुद्रा की छपाई कर रहा था। शुक्रवार को एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) की टीम ने छापा मारते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मौके से ₹3.90 लाख की जाली करेंसी, लैपटॉप, प्रिंटर, विशेष कागज समेत अन्य सामान जब्त किया।
रेलवे कर्मचारी निकला मास्टरमाइंड
गिरफ्तार आरोपी गजेंद्र यादव मूलरूप से बुलंदशहर के जीवन गीत गजौरी गांव का निवासी है और फिलहाल पिलखुवा के लाखन रेलवे स्टेशन पर पॉइंट्समैन के पद पर कार्यरत है। उसने पिलखुवा के दिनेश नगर में एक मकान किराये पर लिया हुआ था, जहां से वह जाली नोटों की छपाई का नेटवर्क चला रहा था।
ऑनलाइन मंगवाते थे विशेष कागज
एटीएस की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी विजयवीर चौधरी अलीबाबा डॉट कॉम के माध्यम से खास तरह के वाटरमार्क और थ्रेड युक्त कागज ऑनलाइन मंगवाता था, जो असली नोटों से मेल खाते हैं। छपाई का कार्य आरोपी सिद्धार्थ झा द्वारा किया जाता था, जो विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से नोटों की डिजाइन तैयार कर प्रिंटर के जरिए उन्हें छापता था।
गिरफ्तारी के समय ले जा रहे थे जाली करेंसी
एटीएस ने तीनों आरोपियों को भोजपुर रोड के पास उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वे कार से जाली नोटों की खेप एक पार्टी को देने जा रहे थे। टीम ने कार से ₹3.90 लाख मूल्य की नकली करेंसी बरामद की। इस संबंध में एटीएस ने मामला दर्ज कर विस्तृत पूछताछ शुरू कर दी है।
प्रत्येक आरोपी की थी अलग जिम्मेदारी
- गजेंद्र यादव – नेटवर्क संचालन और वितरण
- विजयवीर चौधरी – नकली नोटों के लिए विशेष कागज की व्यवस्था
- सिद्धार्थ झा – नोटों की डिजिटल डिजाइनिंग और प्रिंटिंग
पुलिस का बयान
सीओ पिलखुवा अनीता चौहान ने बताया, “यह कार्यवाही एटीएस द्वारा की गई है। आरोपियों से पूछताछ और बरामदगी की विस्तृत जानकारी एटीएस के उच्चाधिकारियों के पास है।”
फिलहाल तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। एटीएस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह का नेटवर्क कितने जिलों और किन लोगों तक फैला हुआ है।