हापुड़ में रामपुर रोड पर बिजलीघर के पास मुर्गी दाना बनाने वाली फैक्टरी में सोमवार को 1400 कट्टा यूरिया बरामद किया गया। जिला कृषि अधिकारी ने मुर्गी दाना फैक्टरी पर छापा मारा और 1400 कट्टा यूरिया सील किया। किसानों को अनुदान पर मिलने वाले यूरिया को यहां दो गोदामों में रखा गया था, जो कालाबाजारी कर लाया गया। यूरिया को अधिकारियों ने सुपुर्दगी में लेकर, नमूने जांच के लिए भेजे हैं। थाने में भी तहरीर दी गई है।
जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने मुखबिर की सूचना पर सोमवार को अपनी टीम के साथ रामपुर रोड पर पहुंचे। कूड़े के ढेरों के पीछे बनी फैक्टरी में मुर्गी दाना बनाने का कार्य हो रहा था। मनोज कुमार ने बंद गोदाम को खुलवाया तो उसमें बड़ी मात्रा में यूरिया के कट्टे लगे थे। इसकी जानकारी की तो वहां काम करने वाले मजदूर भागने लगे। फैक्टरी के मालिक भी मौके पर नहीं मिले। टीम ने फैक्टरी परिसर में पीछे बने एक और गोदाम में जाकर देखा तो वहां भी बड़ी मात्रा में यूरिया के कट्टे लगे थे। जांच में पता चला कि फसलों में प्रयोग होने वाले यूरिया को ही यहां मुर्गी दाना बनाने में प्रयोग किया जा रहा था।
सूचना पर हाफिजपुर थाना प्रभारी पहुंचे, लेकिन फैक्टरी उनके कार्य क्षेत्र में नहीं थी। जिस पर सदर कोतवाली प्रभारी अपनी टीम के साथ पहुंचे। जांच में कुछ बिल मिले, जिन पर केडी मिनरल और डीएम ट्रांसपोर्ट लिखा था। करीब 1400 यूरिया के कट्टों को फैक्टरी परिसर में ही सील कर दिया। साथ ही सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने थाने में तहरीर दी है।
छूट पाने के लिए खपा रहे थे किसानों का यूरिया :
किसानों को भारतीय जन उर्वरक परियोजना के तहत यूरिया पर सरकार करीब 82 प्रतिशत अनुदान देती है। किसानों को महज 266.50 रुपये में यूरिया का बैग मिलता है, जबकि इसकी वास्तवित कीमत 1497.75 रुपये है। व्यवसायिक प्रयोग के लिए दाम और बढ़ जाते हैं, इसलिए ही बहुत सी फैक्ट्री अनुदानित यूरिया की कालाबाजारी करती है।
जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार- ने बताया की मुर्गी दाना बनाने वाली फैक्टरी में यूरिया के करीब 1400 कट्टे मिले हैं। इस मामले में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जा रही है। यूरिया के सैंपल ले लिए गए हैं।