हापुड़ में गढ़ रोड सीएचसी के रेडियोलॉजिस्ट बुधवार को कोर्ट में गवाही देने चले गए जिस कारण अस्पताल की अल्ट्रासाउंड सेवा ठप हो गई। दूर दराज से आए मरीजों को मायूस लौटना पड़ा। उधर, जिला अस्पताल में टेक्नीशियन के नहीं होने से एक्सरे मशीन शोपीस बन गई है। मरीजों को इधर से उधर भटकाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के पास सिर्फ एक ही अल्ट्रासाउंड मशीन है, जिसे चलाने के लिए दो रेडियोलॉजिस्ट हैं। पूरे जिले से मरीज यही अल्ट्रासाउंड कराने आते हैं, लेकिन कभी मशीन खराब रहती है तो कभी सप्लाई नहीं आती। ऐसे में बुधवार को रेडियोलॉजिस्ट डॉ. राजेंद्र गुप्ता कोर्ट साक्ष्य में गए। जिस कारण अल्ट्रासाउंड मशीन बंद कर दी गई। ऐसे में अल्ट्रासाउंड को अस्पताल पहुंचे मरीज बेहाल रहे।
घंटों इंतजार के बाद भी राहत नहीं मिली तो उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। इनमें से कई मरीजों को निजी क्लीनिकों की दौड़ लगाने को मजबूर होना पड़ा। सामान्य मरीजों के साथ ही बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं भी अस्पताल पहुंची। लेकिन बिना सेवा लिए ही उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। उधर, सप्लाई भी प्रभावित रही, जिस कारण मरीजों को भटकना पड़ा।
दस्तोई रोड पर 33 करोड़ के जिला अस्पताल में सिर्फ एक्सरे मशीन ही है, लेकिन इसे चलाने वाला वहां कोई नहीं है। यहां आने वाले मरीजों को एक्सरे कराने के लिए सीएचसी हापुड़ भेज दिया जाता है जो जिला अस्पताल से करीब पांच किलोमीटर दूर है। ऐसे में यात्रियों के काफी पैसे इसमें खर्च हो जाते हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है। पूरे जिले में एक सर्जन है, सिर्फ एक ही हड्डी रोग विशेषज्ञ है।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिनेश खत्री- ने बताया की रेडियोलॉजिस्ट के कोर्ट साक्ष्य में जाने के कारण अल्ट्रासाउंड सेवा प्रभावित रही थी। बाकी सुविधाएं मरीजों को दी गई। बृहस्पतिवार को अल्ट्रासाउंड भी हो सकेंगे।