हापुड़ में पुशपुल व मेरठ-खुर्जा पैसेंजर चार सालों से बंद पड़ी है। कोरोना काल के दौरान बेपटरी हुई पुशपुल व खुर्जा मेरठ पैसेंजर ट्रेन चार साल बाद भी पटरी पर नहीं लौट पाई है। वहीं अन्य ट्रेनों में यात्रियों का दबाव बढ़ने से यात्री परेशानी झेल रहे हैं। वहीं शहीद एक्सप्रेस ट्रेन का बदला मार्ग भी लोगों की परेशानी का सबब बन रहा है।
मुरादाबाद से दिल्ली के बीच कोरोना से पूर्व सुबह के समय पुशपुल पैसेंजर ट्रेन का संचालन होता था। शहर के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से रेलयात्री इस ट्रेन में सवार होकर गाजियाबाद, दिल्ली के लिए नौकरी, व्यवसाय के लिए जाते थे। लेकिन कोरोना के दौरान ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया जो अभी तक बहाल नही हो सका है। दैनिक रेलयात्री अनेक बार इसके बहाल करने की भी मांग उठा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ट्रेन का संचालन बंद होने से रेलयात्रियों का दबाव अन्य ट्रेनों में बढने से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है।
वहीं, खुर्जा से मेरठ के बीच दोपहर में संचलित होने वाली पैसेंजर ट्रेन भी अभी तक पटरी पर नही लौट सकी है। खुर्जा से मेरठ चलने वाली ट्रेन पिछले चार सालों से आज तक बंद पड़ी है। खुर्जा पैसेंजर ट्रेनों का पहिया चार साल बाद भी पटरी पर नहीं चढ़ सका। चार साल से ट्रेनों के न चलने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुरादाबाद रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता का कहना है कि कोरोना काल के दौरान बंद की गई ट्रेनों के बारे में परिचालन विभाग से जानकारी प्राप्त की जाएगी।