हापुड़ जिले में आलू की खोदाई शुरू हो गई है, लेकिन फसल का उत्पादन बेहद कम निकल रहा है। खोदाई कर रहे किसानों ने बताया कि हाईब्रिड आलू 20 से 25 फीसदी, चिप्सौना 15 फीसदी तक कम निकल रहा है। जनवरी महीने में कड़ाके की सर्दी ने आलू को फूलने नहीं दिया। उधर, शीतगृहों में भंडारण शुरू हो गया है,
जिले के 18 शीतगृहों की भंडारण क्षमता 1.80 लाख एमटी है। बड़े पैमाने पर इस बार फसल भी लगायी गई है। आलू की खोदाई शुरू हो गई है, किसानों ने बताया कि हाईब्रिड आलू जहां प्रति बीघा 70 से 75 कट्टे, जबकि चिप्सोना 45 से 50 कट्टे निकलते थे। लेकिन इस बार हाईब्रिड आलू 55 से 60 ही निकल रहे हैं। वहीं, चिप्सोना आलू भी 35 से 40 कट्टे ही निकल रहा है।
पिछले साल आलू के दाम बेहद खराब रहे। अंत में किसानों को शीतगृहों का किराया निकलाना भी मुश्किल हो गया था। ऐसे में किसान इस बार खड़े आलू भी ऐसे ही कारोबारियों को बेच रहे हैं। क्योंकि खेत से ही आलू बेचने पर उनका करीब 150 रुपये भंडारण शुल्क में आने वाला खर्च बच रहा है।
शीतगृह एसोसिएशन ने आलू भंडारण का किराया पांच से 15 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है। हालांकि अभी शुल्क निर्धारण की बैठक होनी बाकी है, ऐसे में शुल्क बढ़ा तो किसानों का मुनाफा और कम हो जाएगा।
डीएचओ डॉ. हरित कुमार- ने बताया की शीतगृहों में भंडारण शुरू हो गया है, शुल्क निर्धारण की बैठक की तैयारियां पूरी हो चुकी है। आलू की फसल का निरीक्षण भी किया जा रहा है। किसानों को भंडारण के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।