जनपद हापुड़ के पिलखुवा नगर पालिका परिषद ने किराया जमा नहीं करने वाली दुकानों के निरस्तीकरण की कार्यवाही तेज कर दी है। इसके लिए अब पालिका अधिकारियों ने शासकीय अधिवक्ताओं की राय मांगी है। इसके बाद दुकानों को निरस्त कर, दोबारा से आवंटित किया जाएगा।
संगठित विकास योजना के अंतर्गत पालिका द्वारा साल 2008 में खुली बोली के माध्यम से 38 दुकानों का आवंटन किया गया था। इनमें से अब तक दो आवंटियों द्वारा धनराशि जमा कर दुकानों की रजिस्ट्री कराई जा चुकी है, जबकि चार आवंटी दुकान समर्पण कर चुके हैं। 32 आवंटियों द्वारा दुकानों का भुगतान जमा नहीं कराया गया है। पालिका की 32 दुकानों पर करीब 4.40 करोड़ से अधिक का बकाया है।
इसके लिए पालिका आवंटियों को कई बार नोटिस भी दे चुकी है। इसके बावजूद भी अभी तक आवंटियों द्वारा किया जमा नहीं कराया जा रहा है। बोर्ड बैठक दुकान निरस्तीकरण पर पहले ही मोहर लगा चुकी है। पालिका ने अब इसके लिए अंतिम कार्यवाही शुरू करते शासकीय अधिवक्ताओं की सलाह मांगी है। शासकीय अधिवक्ताओं की राय के उपरांत दुकानों का आवंटन निरस्त कर, दोबारा नए सिरे के किया जाएगा। दुकानों के निरस्तीकरण पर पालिका बोर्ड बैठक पहले ही हरी झंडी दे चुकी है।
नगर पालिका परिषद पिलखुवा अधिशासी अधिकारी इंद्रपाल सिंह- ने बताया की किराया जमा नहीं करने वाली 32 दुकानों का आवंटन निरस्त करने के लिए पालिका द्वारा अंतिम कार्यवाही शुरू कर दी है।पालिका अधिकारियों ने शासकीय अधिवक्ताओं की राय मांगी है। इसके बाद दुकानों को निरस्त कर, दोबारा से आवंटित किया जाएगा।